झारखंड में फिर सियासी हलचल तेज, नाराज विधायकों की सक्रियता के बीच कांग्रेस ने तैयार किया 'वॉर रूम'
झारखंड के नाराज विधायकों की जारी गतिविधियों के बीच कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों को लेकर वार रूम तैयार किया है। इससे चुनावी अभियान को गति दी जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने वार रूम के लिए चेयरमैन और संयोजकों की भी घोषणा कर दी है। राजेश ठाकुर ने नवनियुक्त पदाधिकारियों के साथ बैठक की और कहा लोकसभा चुनाव पार्टी के लिए महत्वपूर्ण ही नहीं बल्कि जीने-मरने का विषय है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के असंतुष्ट विधायकों की दिल्ली में जारी गतिविधियों के बीच प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने मंगलवार को लोकसभा चुनावों के मद्देनजर वार रूम का गठन किया। इसके जरिए चुनावी अभियान को गति दी जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने वार रूम के लिए चेयरमैन और संयोजकों की घोषणा की है।
प्रवक्ता सोनाल शांति ने बताया कि वार रूम के लिए मानस सिन्हा को चेयरमैन, नेली नाथन एवं अमृत सिंह को को-चेयरमैन एवं दीपक ओझा, अजय सिंह, पूर्णिमा सिंह, अजय जैन, जफर इमाम, राजीव नारायण प्रसाद, पिया बर्मन एवं गुलजार अहमद को सदस्य बनाया गया है। इसके अतिरिक्त मदन मोहन शर्मा एवं सूर्यकांत शुक्ला को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के साथ समन्वय करने के लिए सह संयोजक बनाया गया है।
राजेश ठाकुर ने नवनियुक्त पदाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ही नहीं, बल्कि जीने और मरने का विषय है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के साथ-साथ वार रूम की भूमिका सूचनाओं के आदान-प्रदान में अहम है।
वार रूम को क्यों बनाया गया
संगठन के दिशानिर्देशों के पालन और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद कायम रखने की ये मजबूत कड़ी होती है। विपक्ष की सभी गतिविधियों पर नजर रखते हुए हमारे ऊपर किए जाने वाले हर आक्षेप और आरोपों का जवाब देने के लिए एक सुदृढ़ और कारगर रणनीति बनाकर अमल करने की पूरी जवाबदेही वार रूम के सदस्य और संयोजकों की होगी ताकि हम चुनाव के दौरान जनता के बीच विपक्ष द्वारा अनावश्यक रूप से फैलाए जाने वाले भ्रम का मुकाबला पूरी तरह से कर सके और जनता को अफवाहों से दूर रखा जा सके।
राज्य स्तर पर बनाए गए वार रूम के चेयरमैन, सह-चेयरमैन, सदस्यों द्वारा मांगी गई किसी भी तरह की वांछित सूचना को तत्काल उपलब्ध कराया जाए। इसे प्राथमिकता सूची में रखा जाए ताकि संगठन धारदार तरीके से चुनाव लड़ सके। वार रूम का गठन न सिर्फ चुनाव के लिए रणनीति बनाने और उसे लागू करने के लिए किया गया है बल्कि गठबंधन के साथी दलों से आपसी समन्वय को भी लगातार बनाए रखने में भी इसकी अहम भूमिका होगी।
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