Jharkhand Politics: राष्ट्रपति शासन की मांग कर बाबूलाल मरांडी ने गरमाई झारखंड की सियासत, JMM का पलटवार- सालभर में होगा चुनाव
बाबूलाल मरांडी ने राज्य में संवैधानिक मशीनरी ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार की जांच कर रही जांच एजेंसियों के अनुरोध के प्रति उदासीन है। जांच एजेंसियां मुख्य सचिव को लगातार पत्र लिखकर कार्रवाई का अनुरोध कर रही हैं लेकिन सरकार इस पर मूकदर्शक और निष्क्रिय बनी हुई है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 11 Oct 2023 12:13 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में संवैधानिक मशीनरी ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने की मांग की है। इस संदर्भ में उन्होंने मंगलवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र भेजा है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार की जांच कर रही जांच एजेंसियों के अनुरोध के प्रति उदासीन है। जांच एजेंसियां मुख्य सचिव को लगातार पत्र लिख उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध कर रही हैं, लेकिन राज्य सरकार इस पर मूकदर्शक और निष्क्रिय रही है।
उच्च सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के अनुरोध को छोड़कर ऐसे दस से अधिक मामले लंबित हैं। जांच एजेंसियों को न तो कोई जवाब दिया गया है और न ही कोई कार्रवाई की गई है, खासकर उन मामलों में जहां एजेंसियों द्वारा अनेक सबूत उपलब्ध कराए गए हैं।
राज्य सरकार सक्रिय रूप से आरोपित व्यक्तियों को एक साजिश के तहत बचा रही है। सरकार संविधान की मूल भावना के विपरीत कार्य कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप संवैधानिक तंत्र टूट गया है।
राज्यपाल इसमें हस्तक्षेप करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य सरकार कानून व संविधान के अनुसार कार्य करे। तत्काल आवश्यक और सुधारात्मक कदम उठाए जाएं और यदि ऐसा असहयोग जारी रहता है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की जाए।
सालभर में होगा चुनाव, जनता की अदालत में चलिए: झामुमो
राज्य ब्यूरो, रांची। बाबूलाल मरांडी की मांग पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार किया है। झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के नेता आजकल केंद्रीय एजेंसियों के प्रवक्ता बनकर घूमते चल रहे हैं। पिछले चुनाव में जनता ने इन्हें नकार दिया।
बाबूलाल मरांडी ने भाजपा के विरोध में वोट मांगकर चुनाव जीता और भाजपा में ही शामिल हो गए। वे रोज सरकार को अपदस्थ करने का सपना देख रहे हैं। राष्ट्रपति शासन की दलीलें देना यह प्रमाणित करता है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर उनका विश्वास नहीं है।विनोद पांडेय ने कहा कि एक साल में राज्य में विधानसभा के चुनाव होंगे। बाबूलाल मरांडी को चाहिए कि वे जनता की अदालत में दो-दो हाथ कर लें। उन्हें अपनी झूठी लोकप्रियता का पता चल जाएगा। बाबूलाल मरांडी जब से भाजपा में गए हैं, तब से मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। उन्हें हेमंत फोबिया हो गया है। वे राज्य भर में दौरा कर अनाप-शनाप बोल रहे हैं।
पांडेय ने कहा कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग अपने हित में करना चाहती है। झारखंड में यह कभी सफल नहीं होगा। राज्य के लोग भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा जानते हैं। मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाओं से पूरी मानवता शर्मसार है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। झारखंड में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का इनका मंसूबा सफल नहीं होगा। यहां से भाजपा का सफाया हो जाएगा।
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