Jharkhand Politics: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और 'बाहरी' पर सियासत तेज, डेमोग्राफी पर वार-पलटवार का दौर जारी
झारखंड में विधानसभा सत्र के शुरू होने से पहले ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखकर एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि इस सत्र को हंगामे से बचाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। आज की कार्यवाही में हुए जोरदार हंगामे में भी यह स्पष्ट रूप से दिखा कि यह पूरा सत्र शोरगुल में ही बीतने वाला है।
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा सत्र से पहले ही झारखंड में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच वाद-विवाद शुरू हो गया है। विपक्ष झारखंड के कई इलाकों में जनसंख्या असंतुलन को मुद्दा बनाए हुए है।
भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की, तो कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की के बयान ने आग में घी का काम कर दिया।
शिल्पी नेहा तिर्की ने क्या कहा
कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि रामगढ़ के कई इलाकों में बिहार से आए लोग मुखिया बन रहे हैं, यह भी डेमोग्राफी चेंज का एक बड़ा उदाहरण है।इस बयान पर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस और नेहा तिर्की को कठघरे में खड़ा किया और मामले के तूल पकड़ने से पहले पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक बंधु तिर्की अपने बयानों के साथ कूद पड़े।तिर्की ने अपनी पुत्री नेहा का बचाव तो किया ही, इस मुद्दे पर कांग्रस का स्टैंड भी साफ कर दिया।
डेमोग्राफी पर क्या कहती हैं कांग्रेस विधायक नेहा
दरअसल, कांग्रेस विधायक नेहा का यह मानना है कि डेमोग्राफी चेंज को पूरे झारखंड ने महसूस किया है।
यहां के मूल वाशिंदे आदिवासियों को विस्थापित करते हुए बाहरी लोगों ने राजधानी रांची समेत पूरे कोयलांचल पर कब्जा कर लिया है। कम कीमत देकर जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया और ऐसे आरोप पहले भी लगते रहे हैं।
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