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Ranchi: 'प्रदीप सिंह चेरो सुरक्षाबलों पर हमले की साजिश रचने में शामिल था', NIA ने सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट की दाखिल

Jharkhand News राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी ने एनआईए की रांची स्थित विशेष अदालत में दाखिल सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट में बताया है कि प्रदीप सिंह चेरो सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने में शामिल था। एनआईए लोहरदगा-लातेहार सीमा पर बुलबुल जंगल से हथियार बरामद होने के मामले की जांच कर रही है। प्रदीप सिंह चेरो 23वां आरोपित है जिसके खिलाफ एनआईए ने सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है।

By Dilip Kumar Edited By: Prateek Jain Updated: Sun, 28 Jul 2024 11:32 AM (IST)
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एनआईए ने प्रदीप सिंह चेरो के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, रांची। Ranchi News: लोहरदगा-लातेहार सीमा पर बुलबुल जंगल से हथियार बरामदगी मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को नक्सली प्रदीप सिंह चेरो के विरुद्ध पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है।

प्रदीप सिंह चेरो 23वां आरोपित है, जिसके विरुद्ध एनआईए ने पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। एनआईए की रांची स्थित विशेष अदालत में दाखिल पूरक आरोप पत्र में एनआईए ने बताया है कि प्रदीप सिंह चेरो सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने में शामिल था।

एनआईए ने उसके विरुद्ध भारतीय दंड विधि, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, यूएपीए के तहत आरोप पत्रित किया है। चार्जशीट में ईडी ने बताया है कि माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए माओवादी लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र स्थित बुलबुल जंगल में जुटे थे।

ऑपरेशन डबल बुल में बरामद हुए थे 28 हथ‍ियार

इसकी सूचना पर फरवरी 2022 में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ व कोबरा बटालियन ने बुलबुल जंगल में नक्सलियों के विरुद्ध ऑपरेशन डबल बुल चलाया था। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने 28 हथियारों को बरामद किया था।

इन हथियारों में 19 हथियार पुलिस से लूटे हुए थे। उसे नक्सलियों ने विभिन्न घटनाओं में लूटा था। इस केस को एनआईए ने टेकओवर करते हुए 14 जून 2022 को एनआईए की रांची शाखा में प्राथमिकी दर्ज की थी।

इस केस में अनुसंधान के क्रम में एनआईए ने अगस्त 2022 से जुलाई 2024 तक कुल पांच पूरक आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इस केस में एनआईए ने पूर्व में 22 आरोपितों के विरुद्ध पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोपितों पर भारतीय दंड विधि, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम व सीएलए एक्ट लगा था।

नक्‍सली रवींद्र गंझू के दस्ते के विरुद्ध चला था ऑपरेशन डबल बुल

लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल में ऑपरेशन डबल बुल कुख्यात नक्सली 15 लाख के इनामी माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते के विरुद्ध चला था।

पुलिस को जानकारी थी कि रवींद्र गंझू अपने सक्रिय सहयोगी बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू, बालक गंझू, दिनेश नगेशिया, अघनू गंझू, लाजिम अंसारी, मारकुश नगेशिया, संजय नागेशिया, शीला खेरवार, ललिता देवी व 40-50 अन्य नक्सलियों के साथ बड़ी घटना की फिराक में है।

वह सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ बाक्साइट खदान में भी हमला करने वाला है। इसी सूचना पर यह अभियान चला, जिसमें सुरक्षा बलों को सफलता हाथ लगी थी। इस केस में झारखंड पुलिस ने नौ आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट किया था। इसके बाद एनआईए ने केस को टेकओवर कर लिया था।

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