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22 जनवरी को सिजेरियन डिलीवरी कराने की मची होड़, गर्भवती महिलाएं डॉक्‍टरों पर बना रहीं दबाव; ज्‍योतिषों से भी ले रहीं सलाह

अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी के दिन राम लला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्‍ठा होना है। इस शुभ अवसर पर गर्भवती महिलाएं अपना डिलीवरी कराना चाह रही हैं। शहर के कई बड़े अस्‍पतालों में हर दिन करीब पांच से 10 गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी को सिजेरियन डिलिवरी कराने पर डाक्टरी परामर्श ले रही हैं। यहां तक कि ज्‍योतिषों से भी सलाह ली जा रही है।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 08 Jan 2024 09:04 AM (IST)
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22 जनवरी के दिन डिलीवरी कराने की महिलाओं में मची होड़।
जासं, रांची। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम लला की भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इस दिन को गर्भवती महिलाएं अपने बच्चों के लिए यादगार बनानी चाह रही हैं। राजधानी के रिम्स, सदर सहित मेडिका, सेंटिविटा, ऑर्किड, हिल व्यू अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में हर दिन करीब पांच से 10 गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी को सिजेरियन डिलिवरी कराने पर डाक्टरी परामर्श ले रही हैं।

डिलीवरी के लिए ज्‍योतिषों से भी ली जा रही राय22 जनवरी 

जबकि डाक्टरों का कहना है कि जिस केस में सिजेरियन की जरूरत है उसे उस तिथि के आसपास किया जा सकता है। लेकिन जो केस बिना सिजेरियन के हैं उसे किसी खास तिथि में कराना संभव नहीं है। साथ ही इस दिन डिलिवरी कराने को लेकर ज्योतिषों से भी राय ली जा रही है।

परिवार के बुजुर्ग भी दे रहे साथ

इसी बीच जिन महिलाओं की डिलीवरी 22 जनवरी के आसपास होनी है, वह भी इसी शुभ दिन की डिलीवरी के लिए डाक्टरों से मांग रही हैं। गर्भवती महिलाओं की इस चाह को पूरा करने के लिए उनके पति और परिवार के बुजुर्ग भी साथ दे रहे हैं।

इस तरह का आग्रह करने वालीं महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी होनी है। रिम्स के स्त्री रोग विभाग में आने वाली गर्भवतियों में से अभी तक 13 ऐसी गर्भवती महिलाएं हैं, जो 22 जनवरी को ही अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं।

22 जनवरी को डिलीवरी के लिए डॉक्‍टरों पर दबाव

रिम्स के डाक्टर किरण त्रिवेदी बताती हैं कि सभी डिलिवरी केस के लिए किसी खास दिन को तय नहीं किया जा सकता। कुछ केस ऐसे आते हैं जिन्हें 15 दिनाें में सिजेरियन की जरूरत होती है, ऐसे मामले में उनकी इच्छा के अनुसार 22 जनवरी तय की जा सकती है।

दूसरी ओर सदर अस्पताल में भी गर्भवती महिलाएं सिजेरियन प्रसव कराने को लेकर लगातार डाक्टरों पर दबाव बना रही हैं। जबकि इनमें से कई मामलों में सिजेरियन किया ही नहीं जा सकता। सिर्फ पहले से हुए सिजेरियन या जरूरत पड़ने पर ही सिजेरियन डिलिवरी की जा सकती है।

हर सिजेरियन मामले में ऐसा होना संभव नहीं

सदर अस्पताल की डा. ललीता बताती हैं कि कुछ गर्भवती महिलाएं खास तिथि में ही बच्चे को जन्म देने की चाहत रखती हैं, लेकिन हर मामले में यह संभव नहीं दिखता। उन्होंने बताया कि कुछ सिजेरियन के मामले में ही यह संभव हो सकता है।

ज्योतिषियों का कहना है कि बच्चों के जन्म में समय और मुहूर्त भी खास होता है। दरअसल बच्चे के जन्म के समय से ही उसके जीवन की दशा और दिशा तय हो जाती है। ऐसे में शुभ मुहूर्त हमेशा बच्चों के कल्याण के लिए अच्छे होते हैं। ज्योतिषाचार्य प्रणव मिश्रा बताते हैं कि 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सबसे अच्छे मुहूर्त में हो रही है।

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