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Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने झारखंड को बताया 'तीर्थस्थल', किसानों की आय बढ़ाने पर दिया जोर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने झारखंड को तीर्थयात्रा की तरह बताया। उन्होंने कहा कि झारखंड का जनजातीय समाज लाह उत्पादन से मुख्य रूप से जुड़ा है। ऐसे में संस्थान को चाहिए कि फार्मास्टिकल कॉस्मेटिक क्षेत्र में इसकी बढ़ती उपयोगिता को पहचाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए नए अनुसंधान करे। कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार भी मौजूद रहे।

By Dibyanshu Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 20 Sep 2024 03:43 PM (IST)
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रांची में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए मुख्यमंत्री हेमं सोरेन। जागरण
दिव्यांशु, रांची। झारखंड आना मेरे लिए तीर्थयात्रा की तरह है। भगवान बिरसा की इस भूमि को मैं तीर्थ की तरह नमन करती हूं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के रांची स्थित राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के शताब्दी समारोह में शामिल होने आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को ये बातें कहीं। नामकुम में संस्थान के परिसर में राष्ट्रपति ने लाह उत्पादन के क्षेत्र में हुए शोध से संबंधित प्रदर्शनी देखी और कार्यक्रम को संबंधित किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड का जनजातीय समाज लाह उत्पादन से मुख्य रुप से जुड़ा है। ऐसे में संस्थान को चाहिए कि फार्मास्टिकल, कास्मेटिक क्षेत्र में इसकी बढ़ती उपयोगिता को पहचाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए नए अनुसंधान करे। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में काम करने वाली दूसरी संस्थाओं से साथ भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के इस केंद्र को काम करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों खासकर महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, और राज्य की कृषि मंत्री दीपिका सिंह पांडे, रक्षा राज्यमंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ भी उपस्थित थे।

राष्ट्रपति ने सुनाया पलामू का संस्मरण

झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपने छह सालों के कार्यकाल का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पलामू दौरे पर लोगों ने उन्हें वहां का अर्थ बताया था। प से पलाश, ला से लाह और म से महुआ का अर्थ निकलता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि झारखंड में कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने का काम हो रहा है। कृषि को लाभदायक उद्यम बनाने के लिए मधुमक्खी पालन, पर्यटन जैसे काम को बढ़ाना होगा।

सेकेंडरी एग्रीकल्चर से बढ़ेगी आय, होगा पर्यावरण संरक्षण

मुख्यकृषि उत्पाद के साथ सेकेंडरी एग्रीकल्चर के जरिए इससे जुड़े अपशिष्ट को भी लाभदायी बनाया जा सकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नामकुम में लगी प्रदर्शनी का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे बादाम के छिलके को भी उपयोगी बनाया जा रहा है। इससे एक ओर किसानों की आय बढ़ेगी, दूसरी ओर पर्यावरण का संरक्षण भी होगा।

किसानों को करोड़पति बनाने का हो काम: हेमंत सोरेन

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमें किसान भाइयों और बहने को लखपति बनाने की बजाय करोड़पति बनाने का काम करना चाहिए। झारखंड में कभी देश के 70 प्रतिशत लाह का उत्पादन होता था जो अब 55 प्रतिशत रह गया है। यह संस्थान सौ साल का हो गया है, लेकिन यह भी सच है कि इतने सालों में किसान अब खेतिहर मजदूर बन गए हैं। उनकी सरकार ने लाह को कृषि उपज का दर्जा दे दिया है। राज्य और केंद्र दोनों मिलकर काम करेंगे तो किसानों की आय बढ़ेगी।

प्लास्टिक का विकल्प है लाह, दोगुना करेंगे उत्पादन

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में कहा कि लाह महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्लास्टिक का विकल्प है। इससे पर्यावरण संरक्षण का काम हो रहा है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि लाह वन उत्पाद की श्रेणी में आता है। वो प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि इसे कृषि उपज का दर्जा दिया जाए। साथ ही लाह उत्पादन में लगे खर्च से 50 प्रतिशत बढ़ाकर इसका मिनिमम सपोर्ट प्राइस रखा जाएगा। संस्थान के अधिकारियों से हुई बात के आधार पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अब इस संस्थान से 1500 के स्थान पर 5000 किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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