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'झारखंड आना अपने घर आने जैसा...', सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में बोलीं राष्ट्रपति; युवाओं में भरा जोश

राष्ट्रपति मुर्मु बुधवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड के दीक्षा समारोह में शामिल हुईं। उन्होंने पीएचडी की उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और उन्हें बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड आना उन्हें अपने घर आने की तरह लगता है। हमें इस बात की खुशी है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी अपने छात्रों को ज्ञान का सार्थक उपयोग करना सीखा रहा है।

By Dibyanshu Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Wed, 28 Feb 2024 06:30 PM (IST)
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'झारखंड आना अपने घर जैसा लगता...', सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में बोलीं राष्ट्रपति;
दिव्यांशु, रांची। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बुधवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड के तीसरे दीक्षा समारोह में शामिल हुईं। मनातू स्थित विश्वविद्यालय परिसर में उन्होंने पीएचडी की उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और उन्हें बधाई दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड आना उन्हें अपने घर आने की तरह लगता है। विश्वविद्यालय से उपाधि लेने वाले और स्वर्ण पदक लेने वाले छात्रों को अपने ज्ञान का उपयोग कौशल निर्माण में करना चाहिए। वे इस कौशल का उपयोग विकसित भारत के निर्माण में करें। देश अब 'सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास' की धारणा पर चल रहा है। इसमें युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड अपने छात्रों को ज्ञान का सार्थक उपयोग करना सीखा रहा है।

जनजातीय समाज को आगे लाना हमारी जिम्मेदारी- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि झारखंड में 24 प्रतिशत आबादी जनजातीय समाज की है। उनका अपना जुड़ाव भी इस समाज से रहा है। इस समुदाय की होने की वजह से नहीं, बल्कि विकास के क्रम में पीछे रह गए इस समाज को आगे लाने की भावना से वो इनकी प्रगति की चाह रखती हैं। इस समाज के पास प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रयोग का ज्ञान है। पारंपरिक तरीकों से कैसे विकास किया जा सकता है, इसकी इन्हें जानकारी है। इस समाज को प्रेरणा देकर आगे लाने की जिम्मेदारी हम सबकी है।

उन्होंने कहा कि झारखंड में राज्यपाल रहते हुए उन्हें यहां के सामाजिक जीवन को जानने और उनके लिए काम करने का मौका मिला है। पिछड़े और वंचित वर्ग के लिए काम करने में समाज के सभी वर्गों को जिम्मेदारी निभानी होगी।

छात्राओं की उपलब्धि पर गर्व- राष्ट्रपति 

दीक्षा समारोह में पदक विजेताओं में आधी संख्या छात्राओं की है। राष्ट्रपति ने इसे गर्व की बात बताया। उन्होंने कहा कि सदियों से पीछे रही महिला शक्ति को आगे बढ़ते देखने पर खुशी होती है। उन्होंने समाज और देश में समरसता और सबके लिए गरिमा पूर्ण वातावरण को आवश्यक बताया।

ज्ञान भूमि के पास बना है विश्वविद्यालय- राष्ट्रपति 

राष्ट्रपति ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड का भवन स्वर्णरेखा नदी के किनारे बना है। इस नदी के जल में यह क्षमता है कि वह लोगों को ज्ञानी बनाता है। सीयूजे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाया है। स्थानीय भाषा, संस्कृति, जनजातीय गीत संगीत के संवर्धन के लिए विश्वविद्यालय कोे प्रयास को वो धन्यवाद देती हैं।

प्रकृति के साथ समन्वय कर इस पूरे भवन की रचना की गई है। उन्होंने ग्रीन आर्किटेक्ट के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की सराहना की।

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