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महागठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स, लालू ने थामी कमान

महागठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स चरम पर है।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 04 Nov 2019 06:28 AM (IST)
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महागठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स, लालू ने थामी कमान

रांची, राज्य ब्यूरो। महागठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स चरम पर है। झामुमो अधिक सीटों की जिद पर अड़ा है, तो कांग्रेस झाविमो के बगैर एक कदम आगे बढ़ने को तैयार नहीं है। राजद और वामपंथी भी अपनी-अपनी राग अलाप रहे हैं। इस बीच, लालू प्रसाद यादव ने विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की कमान थाम ली है।

हेमंत सोरेन की शनिवार को लालू यादव से मुलाकात के यही मायने निकाले जा रहे हैं कि गठबंधन का अंतिम स्वरूप अब लालू ही तय करेंगे। इधर, कांग्रेस भी झाविमो को साथ लेकर चलने की जिद पकड़ चुकी है।

पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने शनिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। शनिवार को हुई इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से मुखातिब हेमंत ने दावा किया कि महा गठबंधन सत्ता पक्ष से पहले सीटों का बंटवारा कर लेगा। रविवार को लगे हाथ पार्टी की ओर से 6 नवंबर को केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है, वहीं 8 नवंबर को पहली सूची जारी करने की घोषणा भी कर दी गई। समझा जा रहा है कि लालू ने महागठबंधन के कील-कांटे दुरुस्त करते हुए दलों को चुनाव मैदान में कूद जाने की नसीहत दी है। हेमंत ने महागठबंधन दलों के बीच सीट शेयरिग के फार्मूले से संबंधित सवाल पर बस इतना ही कहा, थोड़ा इंतजार करें, सब कुछ साफ हो जाएगा।

झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी पर उन्होंने स्पष्ट कुछ कहने से गुरेज किया। कहा कि इस मसले पर भी लालू प्रसाद से बातें हुई हैं, जिसका खुलासा समय आने पर ही होगा।

दूसरी ओर, कांग्रेस झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के दरवाजे पर पहुंच गई है। शाम को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जानकारी दी कि झाविमो के बगैर गठबंधन संभव नहीं है। देर रात उनके बाबूलाल मरांडी से मिलने का कार्यक्रम तय भी था।

मरांडी को रांची लौटने में देर होने के कारण मुलाकात सोमवार को हो पाएगी। इस बीच, तिसरी (गिरिडीह) में बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर अकेले चुनाव लड़ने की बात कही है। वे 5-6 नवंबर को पार्टी नेताओं के साथ मशविरा कर आगे का निर्णय लेंगे।

एनडीए गठबंधन में भी फंसा है पेंच

राज्य ब्यूरो, रांची : एनडीए खेमे में भी गठबंधन की गांठ बनी हुई है। भाजपा और आजसू पार्टी के बीच अब तक सीटों को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। आजसू ने भाजपा को पूर्व में 20 सीटों की लिस्ट थमाने के साथ ही एकला चलो के संकेत भी देने शुरू कर दिए हैं। इससे भाजपा के समक्ष असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। सोमवार को भाजपा के शीर्ष नेताओं की रांची में बैठक होनी है, जिसमें आजसू के साथ सीट शेयरिग के मसले पर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है।

सीट शेयरिग के बाद ही टिकट पर चर्चा संभव है, इसलिए भाजपा खेमा इस विवाद का जल्द हल करने का पक्षधर दिखाई दे रहा है। इधर, आजसू को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे का भी इंतजार है। पिछले बार भाजपा के साथ सीटों के तालमेल को लेकर दिल्ली में ही बात बनी थी।

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