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पुरोहित चाहते सीएनआइ से समझौता, विश्वासी बने रोड़ा

सीएनआइ-डायोसिस के बीच गतिरोध जारी बिशप बीबी बास्के ने पुरोहितों के साथ की बैठक।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 04 Nov 2020 08:41 PM (IST)
पुरोहित चाहते सीएनआइ से समझौता, विश्वासी बने रोड़ा

- सीएनआइ-डायोसिस के बीच गतिरोध जारी, बिशप बीबी बास्के ने पुरोहितों के साथ की बैठक

- विश्वासियों का आरोप-बिशप दवाब में कर रहे कार्य, सीएनआइ से समझौता मंजूर नहीं

जागरण संवाददाता, रांची : सीएनआइ-डायोसिस के बीच गतिरोध कम होने के बजाय और बढ़ गया है। ऑटोनोमस छोटानागपुर डायोसिस के बिशप बीबी बास्के ने सीएनआइ प्रतिनिधियों के साथ चार नवंबर को होने वाली बैठक को रद कर दिया है। इससे कहीं ना कहीं आपसी सुलह पर ब्रेक लग गया है। बुधवार को बिशप बास्के ने बहुबाजार स्थित डायोसिस कार्यालय में 57 परिश के पुरोहितों से बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की। बातचीत के दौरान पुरोहितों ने सीएनआइ से मिलाप में आ रही रुकावटों पर अपने विचार रखे। तय हुआ कि सीएनआइ से मेल-मिलाप की कोशिश जारी रहेगी। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि पुरोहित और डायोसिस के कुछ अधिकारी तो मेल-मिलाप चाहते हैं लेकिन विश्वासी इसमें रोड़ा बने हुए हैं। मालूम हो कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गत 17 जुलाई को बिशप बीबी बास्के ने छोटानागपुर डायोसिस को स्वतंत्र घोषित कर सीएनआइ से रिश्ता समाप्त कर लिया था।

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विरोध के कारण अटका मेलमिलाप, बैठक की सूचना सुन जुटे दर्जनों

खुद को ऑटोनोमस घोषित करने फिर मेल मिलाप की कोशिश से डायोसिस के आम विश्वासियों में काफी रोष है। कहीं न कहीं विश्वासियों के विरोध के कारण ही बिशप को सीएनआइ से दोस्ती के बढ़े कदम रोकने पड़े। बुधवार को पुरोहितों के साथ बिशप की बैठक की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में विश्वासी डायोसिस कार्यालय जुटे। दिनभर गहमा-गहमी की स्थिति थी। विश्वासी बैठक बुलाने का कारण जानने को आतुर दिखे। कई विश्वासियों ने स्पष्ट रूप से सीएनआइ से जुड़ने को अव्यावहारिक बताया है।

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सिर्फ कोषाध्यक्ष प्रो जयंत अग्रवाल को हटा देने भर से मामला समाप्त नहीं हो जाता है। बिशप बास्के सीएनआइ से प्रभावित कुछ पुरोहितों के दबाव में हैं। उनपर हर हाल में दोबारा मिलने का दबाव डाला जा रहा है। जबकि विश्वासी ऐसा नहीं होने देंगे। बिशप को खुल कर आम विश्वासियों से बातचीत करनी चाहिए।

- जॉर्ज कुजूर, मसीही नवजागरण समिति के अध्यक्ष व समाज के सरपंच।

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आम विश्वासी सीएनआइ को भ्रष्टाचारी मानता है। इसके ढेरों प्रमाण हैं। सीएनआइ बिशप बीबी बास्के को भी धोखा दे चुका है। ऐसे में दोबारा अगर बिशप सीएनआइ के साथ मेलजोल बढ़ाते हैं तो इससे कहीं न कहीं विश्वासियों के मन को ठेस पहुंचेगी। विश्वासी कभी ऑटोनोमस डायोसिस को सीएनआइ से मिलने नहीं देगा। यह पूरी तरह सत्य है कि कुछ पुरोहित और अधिकारी हैं तो ऑटोनोमस डायोसिस में लेकिन काम कर रहा है सीएनआइ के लिए। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

- पीके कुजूर, रांची पेरिश सचिव।

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