Prostate Cancer: क्या है प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण, किन लोगों को ज्यादा खतरा, जानें...
Prostate Cancer प्रोस्टेट कैंसर के बारे लक्षण को शुरुआती दौर में ही में पकड़ लिया जाए और उचित दिशा निर्देश में इलाज किया जाए तो मरीजों को बहुत लाभ मिल सकता है। इसके लक्षण क्या है और किन लोगों को इस बिमारी के ज्यादा खतरा है जानें...
रांची, जासं। Prostate Cancer प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका डायग्नोस आमतौर पर 60 साल के बाद सामने आता है। अगर शुरुआती दौर में ही में इस बीमारी के लक्षण को पकड़ लिया जाए और उचित दिशा निर्देश में इलाज किया जाए तो ऐसी हालत में मरीजों को बहुत लाभ मिल सकता है। रांची के प्रोस्टेट कैंसर के विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक गुप्ता बताते हैं कि प्रोस्टेट एक छोटी ग्रंथि होती है जो एक इंसान के निचले पीछे पेट में पाई जाती है। यह मूत्राशय के नीचे और मूत्र मार्ग के आसपास स्थित है। प्रोस्टेट हार्मोन टेस्टोस्टेरोन द्वारा विनियमित होता है और एक तरल पदार्थ का उत्पादन करता है। जो प्रोस्टेट में कोशिकाओं की असामान्य और घातक वृद्धि से ट्यूमर बन जाता है। उसे ही प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है। ये कैंसर शरीर के अन्य क्षेत्रों में जब फैलना शुरु करता है, तब भी इसे प्रोस्टेट कैंसर ही कहा जाता है। क्योंकि कैंसर प्रोस्टेट के कोशिकाओं से बना है।
पुरुषों में होने वाला है यह कैंसर
उन्होंने यह भी बताया कि यह पुरुषों में होने वाला कैंसर है और यह बहुत कॉमन कैंसर है। इसके होने का मुख्य और सबसे बड़ा कारण अनुवांशिक है और इस कैंसर के करीब 90 प्रतिशत मामले अनुवांशिक ही होते हैं। दरअसल, जेनेटिक म्यूटेशन से जो बदलाव आता है तो उससे मरीजों में कैंसर होने के चांसेज हो जाते हैं। वैसे लोग या वैसे मरीज जिनके भाई और पिताजी को कैंसर रहा हो या फिर फर्स्ट डिग्री रिलेटिव को कैंसर रहा हो। वैसे मरीजों में आम आदमी की तुलना में कैंसर होने का खतरा ढाई गुना ज्यादा होता है। यह मुख्य तौर पर अमेरिकन में पाए जाने वाला रोग है और इसकी तुलना में एशियन और अफ्रीकन में यह बीमारी कम होती है। भारतीयों में यह बीमारी कम होने का एक मुख्य कारण रेसियल डिफरेंस भी है।
70 से 90 साल से ऊपर के पुरुषों में इस कैंसर का खतरा ज्यादा
डाक्टर अशोक ने यह भी बताया कि यह कैंसर धीरे-धीरे होता है। 70 से 90 साल से ऊपर के पुरुषों में इस कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है। पुरुषों में मुंह के कैंसर के बाद होने वाला दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है। अपने देश में अभी जब हम स्क्रीनिंग कर रहे हैं तो यह अब जल्दी पकड़ में आ रहा है। करीब 80 से 90 प्रतिशत मामलों में हम यह स्क्रीनिंग तब करते हैं, जब यह काफी फैल चुका होता है। इसमें उनकी ट्रीटमेंट भी होता है और रिकवरी भी होती है। अगर शुरुआती दौर में ही कैंसर को पकड़कर बेहतर इलाज की जाए तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
स्मोकिंग करने वालों के लिए ज्यादा खतरा
डाक्टर ने बताया कि खास बात यह कि जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनमें बीमारी होने दोबारा होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर किसी का प्रोस्टेट कैंसर ठीक हो गया और वह स्मोकिंग करने लगे तो उसे कैंसर दुबारा हो जाएगा, या फिर जिनका वजन ज्यादा होता है, उनमें बीमारी हायर स्टडीज में डायग्नोसिस करवाते हैं। स्मोकिंग और अधिक वजन कुछ रिस्क फैक्टर है।
ये है इस बीमारी के लक्षण
अगर किसी को पेशाब करने में मुश्किल या जलन होना, बार बार पेशाब करने की इच्छा होना, विशेष रूप से रात में, मूत्र या वीर्य में खून आना, मूत्र त्याग करने पर दर्द होना। प्रोस्टेट बढ़ गया है तो बैठने पर दर्द या बेचैनी और हड्डी में दर्द होना जैसे लक्षण दिख रहे हो तो उनको सावधान होने की जरूरत है साथ ही जल्द डाक्टर से मिलना चाहिए।