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Jharkhand: नर्स व आयुर्वेद डॉक्टर को कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर बनाने का विरोध, रांची IMA उपाध्यक्ष ने कही ये बात

Jharkhand Newsरांची आईएमए उपाध्यक्ष बोले- अब ऐसी स्थिति हो गई है कि एक नर्स व आयुर्वेद डॉक्टर सिर्फ ब्रिज कोर्स कर कम्युनिटी हेल्थ आफिसर बन जाएंगे। जबकि अभी तक नर्सों को हेल्थ वर्कर के रूप में देखा जाता रहा है। अब सरकार को इस बात का संज्ञान लेना होगा और इस तरह की जो गलत निर्णय है उसे ठीक करने की जरूरत है ताकि सभी की मर्यादा बनी रहे।

By Anuj tiwariEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 15 Jul 2023 04:00 AM (IST)
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नर्स व आयुर्वेद डाक्टर को कम्युनिटी हेल्थ आफिसर बनाने का विरोध शुरू
जागरण संवाददाता, रांची: झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की ओर से निकाले गए सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (कम्युनिटी हेल्थ आफिसर) पद पर चयन के लिए ब्रिज कोर्स प्रोग्राम में नामांकन का विरोध शुरू हो गया है।

रांची आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ. अभिषेक रामाधीन ने इस नामांकन का विरोध किया है, उन्होंने बताया कि यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि किसी नर्स और आयुर्वेद डॉक्टर को ब्रिज कोर्स करवाकर कम्युनिटी हेल्थ आफिसर बना दिया जाए। जबकि हमेशा कम्युनिटी हेल्थ आफिसर का पद एमबीबीएस डॉक्टर का ही रहा है।

डॉक्टर समुदाय अचंभे मेंः रांची आईएमए के उपाध्यक्ष

उन्होंने बताया कि इस सूचना के बाद पूरा डॉक्टर समुदाय अचंभे में है। इस तरह के आदेश के बाद एक डॉक्टर जो कड़ी मेहनत कर एमबीबीएस की पढ़ाई करता है, जिसे सबसे बड़ी व कठिन पढ़ाई भी कहा जाए तो गलत नहीं है। उसके बाद वो एक डॉक्टर कहलाने के लायक होता है।

लेकिन इस आदेश में जिस तरह से ब्रिज कोर्स के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और इस कोर्स के बाद कम्युनिटी हेल्थ आफिसर का तमगा लगाया जा रहा है वो शर्म की बात है।

अब ऐसी स्थिति हो गई है कि एक नर्स व आयुर्वेद डॉक्टर सिर्फ ब्रिज कोर्स कर कम्युनिटी हेल्थ आफिसर बन जाएंगे। जबकि अभी तक नर्सों को हेल्थ वर्कर के रूप में देखा जाता रहा है। अब सरकार को इस बात का संज्ञान लेना होगा और इस तरह की जो गलत निर्णय है उसे ठीक करने की जरूरत है ताकि सभी की मर्यादा बनी रहे।

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