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महिला किसानों को सुविधा देने से खाद्यान्न उत्पादन में 30 प्रतिशत तक की हो सकती है बढ़त

जेरेडा निदेशक ने फूड एंड एग्रीकल्चर का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान समय में देश में लगभग सात करोड़ महिलाएं कृषि क्षेत्र में सक्रिय हैं। कुल खाद्यान्न उत्पादन में उनकी हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत है। लेकिन कृषि आधारित संसाधनों पर सिर्फ 13 प्रतिशत महिलाएं ही कार्यरत हैं।

By Sanjay Kumar SinhaEdited By: Updated: Tue, 16 Nov 2021 07:11 PM (IST)
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आज समय की मांग है कि हम सौर ऊर्जा को ध्यान में रखकर कृषि कार्य को आगे बढ़ाएं
रांची (जागरण संवाददाता) मंगलवार को शहर के स्टेशन रोड स्थित होटल बीएनआर चाणक्य में आयोजित 'महिलाओं के लिए सौर ऊर्जा पंप : ऊर्जा, जल और कृषि को उन्नत करने की दिशा में कदम' विषय पर बैठक को संबोधित करते हुए जेरेडा निदेशक ने फूड एंड एग्रीकल्चर का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान समय में देश में लगभग सात करोड़ महिलाएं कृषि क्षेत्र में सक्रिय हैं। कुल खाद्यान्न उत्पादन में उनकी हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत है। लेकिन कृषि आधारित संसाधनों पर सिर्फ 13 प्रतिशत महिलाएं ही कार्यरत हैं। अगर महिलाओं किसानों को संसाधनाें के मामले में पुरुषों के बराबर कर दिया जाय तो खाद्यान्न उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत तक की बढ़त हो सकती है।

समय की मांग है कि हम सौर ऊर्जा को ध्यान में रखकर कृषि कार्य को आगे बढ़ाएंः निदेशक ने कहा कि सौर ऊर्जा से हम आर्थिक एवं पर्यावरणीय लाभ उठा सकते हैं। आज समय की मांग है कि हम सौर ऊर्जा को ध्यान में रखकर कृषि कार्य को आगे बढ़ाएं और इस दिशा में आत्मनिर्भर सौर ऊर्जा वाटर पंप महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो रहा है। सौर ऊर्जा की मदद से महिला किसानों को कृषि कार्य के प्रति जागरूक करने को लेकर जेरेडा झारखंड में चार लाख सौर वाटर पंप लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। जेरेडा के सहयोग से स्विच ऑन फाउंडेशन द्वारा आयोजित बैठक में सभी अंशधारक उपस्थित थे। बताया गया कि जेरेडा वर्ष 2019 में शुरू किए गए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत राज्य में सोलर वाॅटर पंप वितरित करने का कार्यक्रम बड़ी सघनता से संचालित कर रहा है।

केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत राज्य के लिए 10 हजार सोलर वाटर का कोटा दिया गया है। जेरेडा ने इसे ध्यान में रखते हुए महिलाओं को खेती में सौरऊर्जा पंप देने का निश्चय किया है। बैठक में डीएफआइडी के ऊर्जा सलाहकार उदित माथुर, नाबार्ड के सीजेएम डॉ. गोपा कुमारन नायर, केपीएमजी की टेक्निकल डायरेक्टर इशिता गुप्ता, रांची एग्री इंजीनियरिंग कॉलेज के एसोसिएट डीन डीके रुसिया, स्विच ऑन फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक विनय जाजू आदि शामिल हुए।

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