अलकतरा घोटाले में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन सहित सात को पांच-पांच साल की सजा, जानें क्या है मामला
alkatra scam. अलकतरा घोटाले में कोर्ट ने बिहार के पूर्व मंत्री मोहम्मद इलियास हुसैन सहित सात को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है।
By Sachin MishraEdited By: Updated: Fri, 22 Feb 2019 05:56 PM (IST)
रांची, जागरण संवाददाता। 22 साल पुराने अलकतरा घोटाला मामले में संयुक्त बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री मोहम्मद इलियास हुसैन सहित सात अभियुक्तों को कोर्ट ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही, 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्र की अदालत ने सजा सुनाई है। मामला 1. 57 करोड़ रुपये के अलकतरा घोटाले का है।
इन्हें सुनाई गई सजा
मामले में जिन आरोपियों पर फैसला आया उनमें संयुक्त बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री मो. इलियास हुसैन, उनके सचिव सहाबुद्दीन बेक, खरीद एवं परिवहन विभाग के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजतबा अहमद, कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, सेक्शन पदाधिकारी शोभा सिन्हा और ट्रांसपोर्टर आपूर्तिकर्ता डीएन सिंह शामिल हैं।उपनिदेशक के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
उपनिदेशक मुजतबा अहमद कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे। इस वजह से उनके खिलाफ कोर्ट ने सजा सुनाते हुए वारंट जारी किया है। अदालत ने बीते 19 फरवरी को अभियोजन और बचाव की ओर से दलील सुनने के बाद फैसले की तिथि निर्धारित की थी। इसके बाद निर्धारित तिथि पर फैसला सुनाई गई।
मामले में जिन आरोपियों पर फैसला आया उनमें संयुक्त बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री मो. इलियास हुसैन, उनके सचिव सहाबुद्दीन बेक, खरीद एवं परिवहन विभाग के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजतबा अहमद, कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, सेक्शन पदाधिकारी शोभा सिन्हा और ट्रांसपोर्टर आपूर्तिकर्ता डीएन सिंह शामिल हैं।उपनिदेशक के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
उपनिदेशक मुजतबा अहमद कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे। इस वजह से उनके खिलाफ कोर्ट ने सजा सुनाते हुए वारंट जारी किया है। अदालत ने बीते 19 फरवरी को अभियोजन और बचाव की ओर से दलील सुनने के बाद फैसले की तिथि निर्धारित की थी। इसके बाद निर्धारित तिथि पर फैसला सुनाई गई।
1997 में दर्ज हुआ केस
मामले में सीबीआइ ने वर्ष 1997 में कांड संख्या-आरसी-2/97 दर्ज किया था। इसमें बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन सहित सात लोगों को आरोपित किया गया था। घोटाले में बिहार के पूर्व मंत्री मो इलियास हुसैन, मंत्री के सचिव साहबुद्दीन बेग, खरीद एवं परिवहन विभाग के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजताबा अहमद, कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, सेक्शन पदाधिकारी शोभा सिन्हा एवं ट्रांसपोर्टर आपूर्तिकर्ता डीएन सिंह को आरोपित किया गया था।जानें, क्या है मामला
वर्ष 1994 में रोड डिवीजन द्वारा चतरा में सड़कों का निर्माण किया जा रहा था। इसके लिए हल्दिया ऑयल रिफाइनरी कोलकाता से अलकतरा आना था़ लेकिन, मंत्री और इंजीनियरों ने कंपनी से साठ गांठ कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया।
मामले में सीबीआइ ने वर्ष 1997 में कांड संख्या-आरसी-2/97 दर्ज किया था। इसमें बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन सहित सात लोगों को आरोपित किया गया था। घोटाले में बिहार के पूर्व मंत्री मो इलियास हुसैन, मंत्री के सचिव साहबुद्दीन बेग, खरीद एवं परिवहन विभाग के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजताबा अहमद, कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, सेक्शन पदाधिकारी शोभा सिन्हा एवं ट्रांसपोर्टर आपूर्तिकर्ता डीएन सिंह को आरोपित किया गया था।जानें, क्या है मामला
वर्ष 1994 में रोड डिवीजन द्वारा चतरा में सड़कों का निर्माण किया जा रहा था। इसके लिए हल्दिया ऑयल रिफाइनरी कोलकाता से अलकतरा आना था़ लेकिन, मंत्री और इंजीनियरों ने कंपनी से साठ गांठ कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया।
सीबीआइ जांच में सरकार को नुकसान पहुंचाने के सबूत मिले थे। 3266 मीट्रिक टन अलकतरा अवैध तरीके से बेच दिया गया़ जिसकी कीमत उस समय 1.57 करोड़ रुपये थी़ झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी इलियास हुसैन की जमानत याचिका झारखंड हाईकोर्ट ने अलकतरा घोटाले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के विधायक इलियास हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति आनंद सेन ने इलियास हुसैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार का यह बहुत गंभीर मामला है।
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