झारखंड में सियासी हचलच के बीच हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन से मिले राहुल गांधी
झारखंड में सियासी उथल-पुथल का दौर सोमवार को थम गया। वहीं झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन के बहुमत साबित करने के बाद राहुल गांधी ने थोड़ी देर बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाकात की। आज चंपई सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत पेश किया। इस दौरान झामुमो गठबंधन के पक्ष में 47 विधायक खड़े हुए।
एजेंसी, रांची। झारखंड में सियासी उथल-पुथल का दौर सोमवार को थम गया। वहीं, झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन के बहुमत साबित करने के बाद राहुल गांधी ने थोड़ी देर बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाकात की।
दोनों के बीच मुलाकात की तस्वीर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने एक्स हैंडल पर साझा किया है। इस दौरान उन्होंने लिखा कि रांची में एचईसी परिसर के ऐतिहासिक शहीद मैदान में जनसभा से कुछ मिनट पहले और झामुमो-कांग्रेस-राजद-सीपीआई (एमएल) गठबंधन द्वारा विधानसभा के पटल पर भाजपा और उसके सहयोगियों को करारी शिकस्त देने के कुछ मिनट बाद, राहुल गांधी ने हेमंत सोरेन के आवास पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाक़ात की।
HEC काम्प्लेक्स के ऐतिहासिक शहीद मैदान में जनसभा से कुछ मिनट पहले और झामुमो-कांग्रेस-राजद-सीपीआई (एमएल) गठबंधन द्वारा विधानसभा के पटल पर भाजपा और उसके सहयोगियों को करारी शिकस्त देने के कुछ मिनट बाद, राहुल गांधी ने हेमंत सोरेन के आवास पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाक़ात की।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 5, 2024
आपको बता दें कि आज चंपई सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत पेश किया। इस दौरान झामुमो गठबंधन के पक्ष में 47 विधायक खड़े हुए तो वहीं, विपक्ष में केवल 29 वोट ही पड़े। विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने सदन में प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में मौजूद सदस्यों को एक-एक कर अपने स्थान पर खड़े होने को कहा।
जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी फ्लोर टेस्ट में शामिल होने विधानसभा में पहुंचे थे। विशेष अदालत ने हेमंत सोरेन को विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दी।
हेमंत सोरेन ने भाजपा पर साधा निशाना
वहीं, इस मौके पर हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी समाज में आदिवासियों और दलितों पर कई तरह से हो रहे अत्याचार का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यदि आप पीछे मुड़कर देखें तो आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न को कई तरह से अलग-अलग रूपों में सामने लाया गया है। 31 जनवरी इस उत्पीड़न का एक उदाहरण है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि केंद्र को आदिवासियों और दलितों के प्रति इतनी नफरत क्यों है। उन्हें यह कहने में संकोच नहीं होता कि हमें जंगलों में ही रहना चाहिए। अगर हम जंगल से बाहर आएंगे तो उनकी कब्रें गंदी हो जाएंगी। उन्हें लगता है कि हम अछूत हैं।
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