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Railway News: ट्रेनयात्रियों को झटका! रेलवे ने बंद कर दी ये 2 महत्‍वपूर्ण ट्रेनें; जानें विस्‍तार से

Indian Railways News Railway News लाॅकडाउन लागू होने के बाद बिना ई-पास के घर से निकलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में रांची से बाहर जाने वाले यात्रियों की कमी हो गई है। लिहाजा रेलवे ने दो महत्‍वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Wed, 19 May 2021 01:59 PM (IST)
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Indian Railways News, Railway News: रेलवे ने दो महत्‍वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया है।
रांची, जासं। Indian Railways News, Railway News यात्रियों की कमी के चलते रेलवे ने दो ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया है। स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह में यात्री कम निकल रहे हैं। इस वजह से ट्रेन संख्या 58033 और ट्रेन नंबर 58034 बोकारो स्टील सिटी रांची बोकारो स्टील सिटी पैसेंजर को बंद कर दिया गया है। इसी तरह ट्रेन संख्या 68041 और ट्रेन संख्या 68042 आद्रा बरकाकाना आद्रा पैसेंजर का भी परिचालन बंद रहेगा। इन दोनों ट्रेनों का परिचालन 21 मई के बाद नहीं होगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में इन दिनों स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू है। इसके तहत ई-पास के जरिये ही लोग बाहर निकल रहे हैं। कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेलवे के पास यात्रियों की कमी हो गई है। रेलवे स्टेशन बेहद कम यात्री पहुंच रहे हैं। इसके चलते ट्रेनें खाली चल रही हैं और रेलवे को घाटा लग रहा है। रेलवे बोर्ड ने रांची रेल मंडल से ऐसी ट्रेनों की सूची मांगी थी, जिनमें बेहद कम यात्री सफर करते हैं। रांची रेल मंडल से लगभग दर्जन भर ट्रेनों की सूची भेजी गई थी।

रांची रेल मंडल के सूत्रों के अनुसार इन ट्रेनों में ज्यादातर पैसेंजर ट्रेनें हैं। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि पैसेंजर ट्रेनें झारखंड के अंदर ही एक शहर से दूसरे शहर को चल रही हैं। इस वजह से पैसेंजर ट्रेनों में बेहद कम यात्री सफर कर रहे हैं। जबकि लंबी दूरी की ट्रेनें एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश के शहरों में जा रही हैं। इसलिए उनमें यात्रियों की संख्या पैसेंजर ट्रेनों के यात्रियों की संख्या के मुकाबले कुछ ज्यादा होती है। अधिकारियों का कहना है कि रेलवे बोर्ड को जो सूची भेजी गई है, उनमें से एक एक करके ट्रेनों का परिचालन बंद किया जा रहा है।

यात्रियों का नहीं रखा जा रहा रिकॉर्ड, ट्रेन से उतरने वाले 40 फीसद यात्री ही हो रहे क्वारंटाइन

सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों को क्वारंटाइन करने का निर्देश दिया है। लेकिन बिरसा मुंडा एयरपोर्ट और रांची का व हटिया रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को क्वारंटाइन करने में लापरवाही बरती जा रही है। प्लेन या ट्रेन से उतरने वाले 40 फीसद यात्री ही क्वारंटीन किए जा रहे हैं। इनके हाथ में मोहर लगाई जा रही है। लेकिन प्रशासन उन यात्रियों का कोई रिकॉर्ड अपने पास नहीं रख रहा है। इससे प्रशासन को पता ही नहीं चल पा रहा की कितने और कौन-कौन यात्री क्वारंटाइन हुए हैं। जो भी यात्री क्वारंटाइन हुए हैं, अगर वह बाहर घूम रहे हैं तो उन्हें कैसे ट्रैक किया जाएगा। इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है।

जबकि पिछले साल जब यात्रियों को क्वारंटाइन किया जाता था तो बाकायदा उनका रिकॉर्ड रखा जाता था। उनका फोन नंबर भी होता था। अधिकारी फोन करके यात्री के बारे में जानकारी लेते थे। साथ ही मोबाइल ऐप के जरिए ट्रैक करते थे कि यात्री अभी अपने घर पर ही है या बाहर घूम रहा है। इससे क्वारंटाइन हुए लोगों पर अपने घर पर ही रहने का मानसिक दबाव भी बनता था। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। इससे कोरोना के प्रसार का खतरा बढ़ रहा है।

एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को क्वारंटाइन करने में भी बरती जा रही लापरवाही

यात्रियों को होम क्वारंटाइन करने के लिए रांची रेलवे स्टेशन पर प्रशासनिक अधिकारियों की तीन टीम बनाई गई है। यह टीमें सुबह 6:00 बजे से दोपहर बाद 2:00 बजे तक एक टीम, दोपहर बाद 2:00 बजे से रात 10:00 बजे तक दूसरी टीम और रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक तीसरी टीम यात्रियों को होम क्वारंटाइन करने में लगी है। एक टीम में पांच अधिकारियों को लगाया गया है। लेकिन रेलवे स्टेशन पर महज दो ही अधिकारी नजर आए। जब अधिकारियों से बाकी अधिकारियों के बारे में पूछा गया तो आसपास खड़े रेल कर्मियों ने बताया कि सिर्फ दो ही लोग क्वारंटाइन करने में लगे हैं। बाकी तीन लोग नहीं आते हैं।

किसी यात्री का नहीं रखा जा रहा रिकॉर्ड

बताते हैं कि इस तरह दो लोगों के ही लगने से ट्रेन से उतरने वाले सभी यात्री क्वारंटाइन नहीं किए जा सकते। कई यात्री बच कर निकल जाते हैं। एक रेलकर्मी ने बताया कि जब ट्रेन से दो सौ लोग उतरते हैं और गेट से निकलते हैं तो प्रशासन द्वारा तैनात किए गए अधिकारी जितने लोगों को रोक लेते हैं उतने लोगों के हाथों में मोहर मार दी जाती है और बाकी लोग अपनी चाल से निकल जाते हैं। लोगों का कहना है कि अगर गेट पर सभी पांच अधिकारी लगेंगे तो सभी यात्रियों को एक-एक करके मोहर मारने के बाद ही जाने दिया जाएगा। यही हाल हटिया रेलवे स्टेशन का है। हटिया रेलवे स्टेशन पर भी 5-5 यात्रियों की तीन टीमें बनाकर यात्रियों को होम क्वारंटाइन किया जाता है। यही नहीं इन अधिकारियों के साथ पुलिस बल भी लगाया गया है।

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