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Raju Srivastava: पलामू आने के लिए क्यों बेताब हो गए राजू श्रीवास्तव, शत्रुघ्न सिन्हा की क्या थी भूमिका

Comedian Raju Srivastava अभिनेता राजू श्रीवास्तव का झारखंड से गहरा नाता रहा है। यहां कई जिलों में वह प्रस्तुति देकर लोगों का दिल जीत चुके हैं। उनका एक पड़ाव पलामू भी रहा है। शत्रुघ्न सिन्हा और संजीव नयन के जरिए वह यहां पहली बार आए थे। पढ़िए रोचक संस्मरण।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Wed, 21 Sep 2022 08:03 PM (IST)
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Actor Raju Srivastava: भारतीय हास्य अभिनेता राजू श्रीवास्तव पलामू में प्रस्तुति देते हुए। फाइल फोटो।
पलामू, जागरण संवाददाता। Raju Srivastava passes away भारतीय सिनेमा, टीवी और मंच के हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव का रिश्ता झारखंड के पलामू जिले से भी है। यह रिश्ता खून के रिश्ते से ज्यादा अटूट रहा है। एक हास्य कलाकार के रूप में राजू श्रीवास्तव को यहां के कलाप्रेमी बेपनाह इश्क करते रहे हैं। बुधवार को जैसे ही राजू श्रीवास्तव के निधन की खबर मिली, यहां कई लोगों का दिल टूट गया। जिन लोगों ने उन्हें मंच पर साक्षात देखा है, वह उन्हें कुछ ज्यादा ही याद कर भावुक नजर आ रह हैं।

इसी वर्ष 30 अप्रैल को पलामू आए थे राजू श्रीवास्तव

यूं तो राजू श्रीवास्तव झारखंड के कई जिलों में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। जमशेदपुर हो या धनबाद। रांची हो या हजारीबाग। शायद ही कोई ऐसा शहर हो, जहां उन्होंने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई हो। लेकिन उनके पलामू आने का किस्सा बेहद दिलचस्प है। पलामू के मेदिनीनगर में वह पहली बार इसी वर्ष 30 अप्रैल को आए थे। यहां के कलाप्रेमियों ने उन्हें जिस तरह का सम्मान दिया, उसे देखकर वह अभिभूत हो गए थे। अपने कार्यक्रम के दौरान बार बार वह श्रोताओं और दर्शकों की तरीफ करते रहे। इतनी तारीफ कि हर कोई उनके चेहरे पर खुशी का भाव पढ़ रहा था।

शत्रुघ्न सिन्हा ने संजीव नयन का राजू से कराया परिचय

पलामू के रहने वाले संजीव नयन ने राजू श्रीवास्तव को यहां बुलाया था। दैनिक जागरण ने बुधवार को संजीव नयन से बातचीत की। वह कहते हैं- राजू श्रीवास्तव से उनका परिचय फिल्म अभिनेता व सांसद Shatrughan Sinha शत्रुघ्न सिन्हा ने कराया था। मार्च 2022 की यह बात है। राजू श्रीवास्तव से मुलाकात के बाद मैंने पलामू में आकर एक शो करने को कहा। आग्रह किया। वह तैयार हो गए। राजू श्रीवास्तव ने कहा- जिस शहर में इतने बड़े-बड़े कलाकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं, वहां भला अदना-सा यह कलाकार क्यों नहीं जाना चाहेगा।

पलामू की पृष्ठभूमि जानने के बाद आने को हो गए तैयार

संजीव नयन बताते हैं कि पलामू की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि जानने के बाद राजू श्रीवास्तव इस क्षेत्र के दीवाना हो गए थे। वह यहां आने के लिए बेहद उत्साहित नजर आ रहे थे। वह इस इलाके को देखना चाहते थे। किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। 29 अप्रैल की तारीख पक्की हो गई। राजू श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ यहां प्रस्तुति देने के लिए पहुंच गए। यहां के कला प्रेमियों ने उनका जमकर स्वागत किया। इससे वह बेहद खुश नजर आ रहे थे। जब वह मंच पर प्रस्तुति देने के लिए अवतरित हुए तो हंसी का सफर शुरू हो गया। घंटों लोग ठहाके लगाते रहे। आज जब उनके निधन की खबर मिली तो लोगों की आंखें नम हो गईं। ऐसा लगता है कोई अपना बहुत दूर चला गया।

रुपये कम पड़ गए तो निजी सहायक ने कर दिया इनकार

संजीव नयन कहते हैं, एक और दिलचस्प वाकया का जिक्र यहां जरूरी समझता हूं, इससे साबित होता है कि राजू श्रीवास्तव का दिल कितना बड़ा और उदार था। पलामू में आयोजित कार्यक्रम के लिए कुछ रुपये कम पड़ गए थे। यही करीब ढाई लाख रुपये। जब इसकी सूचना राजू श्रीवास्तव के निजी सहायक को मिली तो उन्होंने कार्यक्रम करने से मना कर दिया। लेकिन जब राजू श्रीवास्तव को इसका पता चला तो उन्होंने कोई इनकार भाव नहीं दिखाया। वे कार्यक्रम के लिए तैयार हो गए। हालांकि, आयोजकों ने बाद में राशि भुगतान का वादा किया था।

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