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By Election: रामगढ़ में परिवारवाद, कांग्रेस ने ममता देवी के पति को तो आजसू ने सांसद की पत्नी को दिया टिकट

रांची में परिवारवाद को लेकर ढ़ेरों बहस और दावे होते हैं। अमूमन सैद्धांतिक तौर पर इसका विरोध होता है लेकिन राजनीति में पारिवारिक विरासत के ढ़ेरों उदाहरण हैं। झारखंड भी इस हकीकत से अछूता नहीं है। रामगढ़ उपचुनाव में भी इसकी बानगी देखने को मिल रही है।

By Mohit TripathiEdited By: Mohit TripathiUpdated: Mon, 06 Feb 2023 10:17 PM (IST)
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परिवारवाद की राजनीति को आगे बढ़ा रहा रामगढ़
राज्य ब्यूरो, रांची: रामगढ़ उपचुनाव में भी परिवारवाद की बानगी देखने को मिल रही है। यहां सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने पारिवारिक विरासत को प्राथमिकता दी है। रामगढ़ की कांग्रेस विधायक ममता देवी को कोर्ट से सजा मिलने के बाद विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई है। इससे यहां उपचुनाव की नौबत आई है। उपचुनाव में सत्तारूढ़ महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस को यह सीट मिली है।

उपचुनाव के दोनों प्रत्याशी परिवारवाद की उपज

निवर्तमान विधायक ममता देवी के पति बजरंग महतो पर कांग्रेस ने दांव लगाया है। कवायद सहानुभूति वोट बटोरने की हो रही है। इधर विपक्ष भी इसी राह पर है। भाजपा-आजसू पार्टी गठबंधन ने गिरिडीह से सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। चंद्रप्रकाश चौधरी रामगढ़ से विधायक रह चुके हैं। उनकी पत्नी पिछला विधानसभा चुनाव यहां से हार चुकी हैं। उपचुनाव की नौबत आने पर चंद्रप्रकाश चौधरी ने एक बार फिर अपनी पत्नी को उम्मीदवार बनाया है।

पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पूर्व में जीत चुके हैं चुनाव

रामगढ़ में पहले भी उपचुनाव की नौबत आई है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने यहां से उपचुनाव लड़ा था। उन्होंने जीत हासिल की थी। तब वे राज्य के मुख्यमंत्री थे। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनका विधानसभा का सदस्य बनना अनिवार्य था।

फिलहाल सीधे मुकाबले की संभावना

रामगढ़ में सत्तारूढ़ गठबंधन और भाजपा-आजसू गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। कुछ छोटे दलों ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा की है। कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय संभाल रहे हैं। झामुमो, राजद के साथ एक संयुक्त अभियान समिति भी बनेगी। उधर भाजपा-आजसू पार्टी गठबंधन के महत्वपूर्ण नेता प्रचार अभियान की कमान संभाल रहे हैं।

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