रांची में गांजे की कश ले रहे बच्चे, टॉफी के पैकेट में स्कूलों के बाहर हो रही भांग की बिक्री; उड़ रही नियमों की धज्जियां
Ranchi News शहर के अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों के परिसर के बाहर धड़ल्ले से नशीले पदार्थों की बिक्री चल रही है जिसकी चपेट में बच्चे आ रहे हैं। स्कूल-कालेजों में छुट्टी होते ही नशे की दुकानें सजने लगती हैं। अब तक प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं गया है। इन दुकानों में बीड़ी सिगरेट गुटखा भांग तंबाकू की बिक्री हो रही है।
स्कूलों के बाहर धड़ल्ले से हो रही नशीले पदार्थों की बिक्री
नशे की चपेट में आ रहे बच्चे
आमतौर पर 14 या इससे अधिक उम्र के बच्चों में बहकने की संभावना अधिक रहती है। बच्चों में बात बात पर गुस्सा व चिड़चिड़ापन, पढ़ाई के प्रति रुचि कम होना, अकेले रहना किसी से बातचीत न करना और स्वास्थ्य का गिरना जैसे लक्षण सामने आने पर जरुर सतर्क हो जाएं-डा. सिद्धार्थ सिन्हा, वरीय मनोचिकित्सक, रिनपास रांची।
संस्थानों के बाहर किया जाता है संपर्क
गांजा और भांग की धड़ल्ले से हो रही बिक्री
जब ऐसे ही कुछ नशीले पदार्थों की पड़ताल की गई तो पाया गया कि इस वक्त सबसे ज्यादा महादेव का गोला नाम से नशीला खाद्य पदार्थ बिक रहा है। टाॅफी जैसी पैकिंग में दो से पांच रुपये के इस गोले में भांग मिला होता है, जिससे हलका नशा होता है। सूत्रों के अनुसार यह ऐसा नशा है जो यदि प्रतिदिन खाया जाए तो खाने वाला इसका आदी हो जाता है और भविष्य में इसकी डोज बढ़ाता चला जाता है। नशीले पदार्थों में मुनक्का नाम से भी एक उत्पाद बाजार में उपलब्ध है। इसमें भी नशीला पदार्थ मिला होता है। नौवीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को टारगेट कर इनकी खेप बेची जा रही है। छात्र और युवा नशे की गिरफ्त में जा रहे हैं।यह भी पढ़ें: साहिबगंज में 1250 करोड़ का अवैध पत्थर खनन हुआ है, छापामारी के बाद ED ने किया खुलासा; पंकज मिश्रा है इसका मास्टरमाइंड यह भी पढ़ें: अनाथों के नाथ कांठा सिंह ने दुनिया को कहा अलविदा, राष्ट्रपति पुरस्कार से हो चुके सम्मानित; अपने अनाथालय में ही ली अंतिम सांससभी शैक्षणिक संस्थानों के बाहर नशामुक्त परिसर का बोर्ड लगाना अनिवार्य है। स्कूल कालेज के बाहर ऐसी कुछ दुकानों के सक्रिय होने की सूचना मिली है। जल्द ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी- मिथिलेश केरकेट्टा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, रांची।