शिक्षकों की प्रोन्नति पर विवाद से नहीं भर रहे प्रिंसिपल के पद, 3,200 स्कूलों में बिना प्राचार्य के चल रहा काम
झारखंड में प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति में हो रही देरी से मिडिल स्कूलों में प्राचार्यों के पद भर नहीं पा रहे हैं। प्रदेश में प्रिंसिपल के 3226 पदों में 3200 पद खाली हैं। इन विद्यालयों में प्रभारी शिक्षक जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। राज्य में 16 जिले के एक भी मिडिल स्कूल में स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं है। इसके चलते इन सब स्कूलों की जिम्मेदारी शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है।
By Neeraj AmbasthaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 07 Oct 2023 08:47 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति में विवाद तथा इसके कारण प्रोन्नति में हुई देरी से मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के पद भर नहीं पा रहे हैं। राज्य में सृजित 3,226 पदों में 3,200 पद रिक्त हैं। इन सभी स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद की जिम्मेदारी प्रभारी शिक्षक संभाल रहे हैं।
स्थिति यह है कि राज्य में 16 जिले ऐसे हैं, जहां एक भी मिडिल स्कूल में स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं है। कहीं न कहीं इसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा।
दरअसल, इन सभी पदों को शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाने हैं। इतना ही नहीं, स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के वैसे पुराने पद भी रिक्त हैं, जो शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाने हैं।
दूसरी तरफ, प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति की प्रक्रिया इतनी जटिल हो गई है कि इसमें कोई न कोई विवाद उत्पन्न हो जाता है। प्रोन्नति को लेकर विभाग द्वारा कई बार अलग-अलग आदेश जारी किए गए। कई बार दिशा-निर्देश भी जारी किए गए। इसके बाद भी जिला शिक्षा अधीक्षकों द्वारा बार-बार विभाग से मार्गदर्शन मांगना पड़ता है।
इस कारण ही विभागीय सचिव को 22 बिंदुओं में दिशा-निर्देश भेजना पड़ा। इसमें एक बिंदु में शिक्षकों को पिछले प्रभाव (भूतलक्षी प्रभाव) से प्रोन्नति नहीं देने की बात कही गई, जिसे लेकर एक बार फिर विवाद उत्पन्न हो गया है। यह विवाद वरीयता को लेकर है।
कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे शिक्षक
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षा सचिव द्वारा पांच अक्टूबर को प्रोन्नति को लेकर जारी दिशा-निर्देश के बिंदु के विरुद्ध कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। इसमें शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति नहीं देने के आदेश को चुनौती दी जाएगी।
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