Ranchi Cyber Fraud: बुजुर्ग से 6.99 लाख की साइबर ठगी करने वाले 3 आरोपी दुमका से गिरफ्तार, ऐसे बनाया था शिकार
रांची से एक साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। यहां बैंक का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर मोबाइल पर एनी डेस्क एप डाउनलोड कराया और खाते से पैसे उड़ा लिए। CID की साइबर अपराध थाने की पुलिस ने दुमका जिले के तीन आरोपितों को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया है।
By Dilip KumarEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Wed, 14 Jun 2023 05:53 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड के रांची से एक साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। यहां बैंक का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर मोबाइल पर एनी डेस्क एप डाउनलोड कराया और खाते से पैसे उड़ा लिए।
CID की साइबर अपराध थाने की पुलिस ने दुमका जिले के तीन आरोपितों को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया है।इन लोगों पर रांची के पंडरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मी नगर कुसुम भवन निवासी 74 वर्षीय रामधनी साहू के खाते से 6 लाख 99 हजार 997 रुपये का अवैध हस्तांतरण का आरोप है।
क्या है पूरा मामला?
रामधनी साहू ने साइबर अपराध थाने में इसी वर्ष दस जनवरी को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया।कॉल करने वाले ने खुद को बैंक का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताया। मदद करने के नाम पर मोबाइल पर एनी डेस्क स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड कराया और इंटरनेट बैंकिंग तथा यूपीआइ डिटेल्स लेकर पैसे निकाल लिए।रुपयों की निकासी से संबंधित मैसेज आने के बाद उन्हें पता चला कि वे साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं।
पुलिस ने इस मामले में जिन तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, उनमें दुमका दुधानी चर्च के सामने रहने वाला अभिजीत कुमार शाह, दुमका में नेशनल स्कूल के पीछे बावरी पाड़ा निवासी अमृत राज व दुमका मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सरवां बांदोहरिपुर का निवासी सोनू पासवान शामिल है।
तीनों आरोपितों की उम्र 23 से 29 वर्ष के बीच है। इनके पास से पुलिस ने तीन मोबाइल, पांच सिमकार्ड, तीन आधारकार्ड, पांच एटीएम कार्ड, सात पासबुक, एक पैनकार्ड व एक चेकबुक बरामद की है।
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- किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से काल आए तो अपनी कोई निजी जानकारी साझा न करें।
- इंटरनेट सर्च इंजन, गूगल एड्स व अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर दिए गए कस्टमर केयर, हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें।
- कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा अधिकृत वेबसाइट पर संपर्क करें।
- किसी भी अज्ञात व्यक्ति के भेजे गए अज्ञात लिंक या यूआरएल पर ना क्लिक करें ना ही किसी अन्य नंबर पर फारवर्ड करें।
- बैंक के यूपीआइ एप से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक के अधिकारिक नंबर से ही मैसेज आता है।
- किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूवर, रस्ट डेस्क, एल्पेमिक्स आदि एप अपने मोबाइल में इंस्टाल न करें। इन एप के माध्यम से साइबर अपराधी आपके फोन का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं और ठगी कर लेते हैं।
- साइबर अपराध का शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 तथा ऑनलाइन डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट साइबरक्राइम डॉट जीओवी डाट इन पर रिपोर्ट करें।