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Ranchi: साक्ष्य के अभाव में गैंगस्टर अमन साहू बरी, रंगदारी मांगने के दो मामलों में हुआ था केस दर्ज

रांची के न्यायिक दंडाधिकारी प्रवीण उरांव की अदालत ने रंगदारी मांगने के दो मामलों में गैंगस्टर अमन साहू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में एक भी गवाह कोर्ट नहीं पहुंचा। अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोप साबित करने के लिए कई बार समय प्रदान किया था लेकिन कोई गवाह कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका।

By Manoj SinghEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 01:00 AM (IST)
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साक्ष्य के अभाव में गैंगस्टर अमन साहू बरी, रंगदारी मांगने के दो मामलों में हुआ था केस दर्ज
राज्य ब्यूरो, रांची: रांची के न्यायिक दंडाधिकारी प्रवीण उरांव की अदालत ने रंगदारी मांगने के दो मामलों में गैंगस्टर अमन साहू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में एक भी गवाह कोर्ट नहीं पहुंचा।

अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोप साबित करने के लिए कई बार समय प्रदान किया था, लेकिन कोई गवाह कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका।

बता दें कि 60 लाख की रंगदारी मांगे जाने की घटना को लेकर दोनों मामले खलारी थाने में लालेश्वर महतो और अब्दुल्ला अंसारी ने दर्ज कराये थे।

2020 में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

दोनों प्राथमिकी 2020 में दर्ज कराई गई थी। अमन साहू फोन करते हुए अपने आप को अपराधी सुजीत सिन्हा का शूटर बताया था।

पहले मामले में गवाह सूचक लालेश्वर महतो, डी प्रजापति, तुलसी साव, भरत कुमार विश्वकर्मा और जांच पदाधिकारी बीकू कुमार रजक का नाम शामिल था।

इसलिए अमन साहू हो गया बरी

वहीं, दूसरे मामले में सूचक अब्दुल्ला के साथ फिरोज अंसारी, आशिक अंसारी, सुनील सिंह, सोनू ठाकुर और दो जांच पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह तथा अहमद अली का नाम शामिल था।

इन सभी गवाहों के खिलाफ अदालत ने समन के बाद वारंट जारी किया गया था, लेकिन एक भी गवाह ने कोर्ट में हाजिर होकर गवाही नहीं दी, जिसका फायदा आरोपित अमन साहू को मिला। दोनों मामलों में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आरोपित को बरी कर दिया।

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