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रांची भूमि घोटाले के दो मास्टरमाइंड को ED ने किया गिरफ्तार, सेना की जमीन खरीदने वाली कंपनी के हैं संचालक

रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन और चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने अब कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल व आसनसोल के कारोबारी दिलीप घोष को गिरफ्तार कर लिया है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 07 Jun 2023 11:26 PM (IST)
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अब भूमि घोटाले में कोलकाता का कारोबारी अमित अग्रवाल व दिलीप घोष गिरफ्तार।
राज्य ब्यूरो, रांची: रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन और चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने अब कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल व आसनसोल के कारोबारी दिलीप घोष को गिरफ्तार कर लिया है।

इस प्रकार इस प्रकरण में अबतक रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन सहित कुल दस गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। अमित अग्रवाल और दिलीप घोष जगतबंधु टी इस्टेट कंपनी के संचालक हैं। कंपनी के संचालक दिलीप घोष ने जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची से उक्त जमीन की रजिस्ट्री कराई थी।

जमीन घोटाले का मास्टरमाइंड है प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल

अमित अग्रवाल का कोलकाता के साल्टलेक सिटी में आवास है। उसका कोलकाता में अरोड़ा स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के अलावा झारखंड के जामताड़ा में मिहिजाम वनस्पति नामक प्रतिष्ठान भी है। सेना के कब्जे वाली उक्त जमीन की खरीद-बिक्री में प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल को ही मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

IAS छवि रंजन के सहयोग से किया फर्जीवाड़ा

दोनों ने रांची के तत्कालीन उपायुक्त निलंबित आइएएस अधिकारी छवि रंजन के सहयोग से यह फर्जीवाड़ा किया था। प्रेम प्रकाश नेताओं व नौकरशाहों का करीबी है, जिसे ईडी ने गत वर्ष अवैध खनन मामले में गिरफ्तार किया था, तब से ही वह जेल में है। छवि रंजन को सेना के कब्जे वाली जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में गत माह गिरफ्तार किया था। अब अमित अग्रवाल व दिलीप घोष की भी गिरफ्तारी हो गई है।

अमित अग्रवाल को ईडी ने बीते साल एक जनहित याचिका मैनेज करने के नाम पर अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये देने के मामले में गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में भी ईडी मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है। फिलहाल, अधिवक्ता राजीव कुमार के साथ-साथ अमित अग्रवाल भी जमानत पर है। इसी बीच ईडी ने जमीन घोटाला मामले में जांच के दौरान अमित अग्रवाल की भूमिका को फिर उजागर किया और अब इस दूसरे केस में अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी हो गई है।

भूमि घोटाले में IAS छवि रंजन सहित आठ आरोपी जेल में

भूमि घोटाला मामले में ईडी ने रांची के पूर्व उपायुक्त निलंबित आइएएस अधिकारी छवि रंजन सहित आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अन्य आरोपितों में रांची के बड़ागाईं अंचल का राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली जमीन का फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान व मोहम्मद सद्दाम को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपित वर्तमान में जेल में बंद हैं।

जगतबंधु टी इस्टेट में दिलीप घोष के अलावा अमित अग्रवाल भी है संचालक

फर्जी रैयत प्रदीप बागची ने फर्जी दस्तावेज पर रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन का दो-दो होल्डिंग ले रखा था। अपनी दावेदारी दिखाकर उसने जगतबंधु टी इस्टेट के संचालक दिलीप घोष से उक्त जमीन की रजिस्ट्री की थी। इस कंपनी में अमित अग्रवाल भी संचालक है। यहां तक की अमित अग्रवाल की अरोड़ा स्टूडियो में दिलीप घोष भी निदेशक है।

अमित अग्रवाल ने सेना के कब्जे वाली उक्त जमीन को फर्जी तरीके से खरीदने में दिलीप घोष की मदद की थी। जमीन की रजिस्ट्री वर्ष 2021 में हुई थी। आरोप है कि फर्जीवाड़ा करने में रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन ने पद का दुरुपयोग किया था। सेना के कब्जे वाली उक्त जमीन की सरकारी कीमत करीब 20 करोड़ रुपये थी, जबकि महज सात करोड़ रुपये में ही प्रदीप बागची ने दिलीप घोष से वह जमीन बेच दी थी। दिलीप घोष ने प्रदीप बागची के खाते में केवल 25 लाख रुपये ही भेजा था। शेष राशि फर्जी तरीके से चेक आदि से भुगतान दिखाया गया था।

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