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Ranchi Land Scam: बड़गाईं मौजा की एक जमीन के लिए IAS छवि रंजन को मिले थे एक करोड़ रुपये का रिश्वत

रांची जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी को इस बीच एक नई जानकारी मिली है जिसके अनुसार बड़गाईं मौजा की एक जमीन के लिए आइएएस छवि रंजन को रिश्वत में एक करोड़ रुपये मिले थे। जमीन को प्रतिबंधित सूची से बाहर करने के एवज में लिया था रिश्वत।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Sat, 06 May 2023 08:55 AM (IST)
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रांची जमीन घोटाले में गिरफ्तार हुए पूर्व उपायुक्‍त छवि रंजन की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाले में पूर्व में गिरफ्तार सातों आरोपितों से भी ईडी ने लंबी पूछताछ की थी। ईडी की छानबीन में यह खुलासा हुआ कि बड़गाईं मौजा की एक जमीन के लिए छवि रंजन को रिश्वत में एक करोड़ रुपये मिले थे। ये रुपये पूर्व में गिरफ्तार अन्य आरोपितों ने प्रेम प्रकाश के माध्यम से छवि रंजन को दिया था। जिस जमीन के लिए छवि रंजन को एक करोड़ रुपये का भुगतान हुआ था, वह जमीन प्रतिबंधित थी। प्रतिबंधित सूची से बाहर करने के एवज में ही छवि रंजन को उक्त राशि का भुगतान किया गया था।

ईडी की पूछताछ में झूठ बोलते रहे छवि रंजन

ईडी ने 24 अप्रैल को छवि रंजन का बयान लिया था। ईडी की पूछताछ में छवि रंजन ने कहा कि सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की जगतबंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्री मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। वह प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल को नहीं जानते हैं।

वहीं, उनके सामने गिरफ्तार अफसर अली, सद्दाम हुसैन ने ईडी की पूछताछ में यह स्वीकार किया कि उनकी उपस्थिति में ही छवि रंजन के कार्यालय में बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार व प्रेम प्रकाश बैठे थे। वहीं पर छवि रंजन ने अंचलाधिकारी मनोज कुमार को आदेश दिया कि वे प्रदीप बागची के दावे का कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से सत्यापन कराएं।

अमित अग्रवाल के पक्ष में छवि रंजन ने अधिवक्ता को धमकाया था

ईडी ने छानबीन में पाया कि रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन का प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल से बेहतर संबंध था। छवि रंजन ने उनके पक्ष में जमीन पर कब्जा भी दिलवाया।

सीबीआइ दिल्ली ने भी अमित अग्रवाल के विरुद्ध एक केस दर्ज किया है, जिसमें अमित अग्रवाल व अन्य ने मिलकर न्यायिक व सरकारी अफसरों की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। छानबीन में यह भी पता चला कि छवि रंजन ने अमित अग्रवाल के विरुद्ध दाखिल जनहित याचिका वापस लेने के लिए अधिवक्ता राजीव कुमार को धमकाया भी था।

फर्जी डीड पर हेहल मौजा की 7.16 एकड़ जमीन पर दिलाया कब्जा

ईडी को अनुसंधान के दौरान जानकारी मिली कि रांची के हेहल मौजा की 7.16 एकड़ जमीन पर तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन ने गैर कानूनी तरीके से कब्जा दिलाया था। फर्जी डीड के आधार पर उक्त जमीन का म्यूटेशन विनोद सिंह के नाम पर किया गया था। पता चला कि विनोद सिंह एक कथित मालिक हैं, जो जमीन दलालों के अधीन थे।

इस जमीन का म्यूटेशन होने के बाद उक्त संपत्ति श्याम सिंह व रवि सिंह भाटिया के नाम पर रजिस्टर्ड हो गई। यह जमीन 15 करोड़ 10 लाख 76 हजार रुपये में खरीदी गई थी, जबकि तब जमीन की सरकारी कीमत 29 करोड़ 88 लाख 93 हजार 800 रुपये थी। कुल 15 करोड़, 10 लाख 76 हजार रुपये में से केवल 3.45 करोड़ रुपये ही विभिन्न चेक व स्थानांतरण के माध्यम से विनोद सिंह को रजिस्ट्री के वक्त भुगतान किया गया था।

पुरानी जमाबंदी रद्द कर विनोद सिंह के नाम करवा दी थी जमाबंदी

पूर्व उपायुक्त छवि रंजन ने पद का दुरुपयोग कर हेहल मौजा की 7.16 एकड़ जमीन की पुरानी जमाबंदी को रद्द करवाकर विनोद सिंह के नाम पर म्यूटेशन करवा दिया था। पुरानी जमाबंदी साहू परिवार की थी, जिसके मालिक मालगोविंद साहू थे।

इतना ही नहीं, एक ही दिन में विनोद सिंह के नाम पर 82 साल का लगान भुगतान करवा दिया था। इतना ही नहीं 25 जून 2021 को छवि रंजन ने पुलिस को आदेश दिया कि उक्त विवादित जमीन की चारदीवारी करवाएं। छवि रंजन ने गलत तरीके से सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति करवाकर उक्त जमीन की रजिस्ट्री करवा दी थी।