Ranchi Land Scam: विष्णु की रिमांड अवधि और चार दिन बढ़ी, अब काले धन का राज उगलवाएगी ED,
Ranchi Land Scam रांची में जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने पिछले पांच दिनों तक न्यूक्लियस माॅल के संचालक विष्णु अग्रवाल से पूछताछ की। अब चार और दिनों दिन यह सिलसिला जारी रहेगा। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रांची में जमीन घोटाले में फर्जीवाड़े का बड़ा लाभुक विष्णु अग्रवाल है और उन्हें इन्हीं सबके बारे में जानकारी लेनी है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 08 Aug 2023 10:46 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। Ranchi Land Scam: Ranchi News: रांची में जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने पिछले पांच दिनों तक न्यूक्लियस माॅल के संचालक विष्णु अग्रवाल से पूछताछ की। रिमांड अवधि समाप्त होने पर उन्हें सोमवार को ईडी की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया, जहां अगले सात दिनों तक पूछताछ की अनुमति मांगी।
ईडी को पूछताछ के लिए और चार दिनों का मिला समय
ईडी की विशेष अदालत ने रिमांड आवेदन पर सुनवाई के बाद चार दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी। अब अगले चार दिनों तक ईडी विष्णु अग्रवाल से पूछताछ करेगी।
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि विष्णु अग्रवाल से उसके काले धन से अर्जित संपत्ति का पता लगाने के लिए गहन पूछताछ की जरूरत है। ईडी के इसी आग्रह पर कोर्ट ने चार दिनों की अनुमति दी है।
जमीन घोटाले में फर्जीवाड़े का बड़ा लाभुक विष्णु अग्रवाल
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रांची में जमीन घोटाले में फर्जीवाड़े का बड़ा लाभुक विष्णु अग्रवाल है। उसने फर्जीवाड़ा कर बड़ी संपत्ति अर्जित की है। इस संपत्ति को अर्जित करने के स्रोतों के संबंध में जानकारी लेना आवश्यक है।
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि कोर्ट के आदेश पर रांची के सदर थाने में आठ सितंबर, 2022 को अंकित कांड संख्या 399/2022 में प्राथमिकी के आधार पर ईसीआइआर दर्ज कर मनी लांड्रिंग में अनुसंधान जारी है। इस केस के आरोपित राजेश राय, भरत प्रसाद, इम्तियाज अहमद, लखन सिंह, पुनित भार्गव व विष्णु अग्रवाल हैं। इनमें लखन सिंह व पुनित भार्गव को छोड़ सभी गिरफ्तार हो चुके हैं।
ईडी की जांच में बड़े रैकेट का पर्दाफाश
पूरा मामला चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की गलत तरीके से खरीद-बिक्री से संबंधित है। ईडी ने जांच में पाया कि रांची में अधिकारियों-जमीन दलालों का एक संगठित गिरोह जमीन के कागजात के फर्जीवाड़े में लगा हुआ है।जांच के दौरान एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया। यह गिरोह जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी कर रैयत बदल देता था और उस दस्तावेज के आधार पर दूसरे को उक्त जमीन की रजिस्ट्री हो जाती थी।
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