फाल्गुन की चौखट पर सुनाई देने लगी गर्मी की आहट, जलसंकट के लिए तैयार हो जाएं रांचीवासी; इस वजह से होगी दिक्कत
फाल्गुन की चौखट पर गर्मी की आहटभर से जलसंकट बढ़ने की आशंका होने लगी है। इस साल गर्मी में शहरवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जलसंकट को लेकर निगम की तैयारी जो अधूरी है। डीप बोरिंग का मोटर खराब पड़ा हुआ है जिसे अभी तक ठीक नहीं कराया गया है। बार-बार शिकायत के बाद भी शिकायत करने पर भी निगम इस ओ ध्यान नहीं दे रहा।
विकाश कुमार, रांची। फाल्गुन की चौखट पर ही गर्मी के आगमन की आहट होने लगी है। धीरे-धीरे तीखी होती जा रही धूप। गर्म हवा से सूखते कंठ को भिगौने के लिए राजधानीवासियों को अभी से संघर्ष करना पड़ेगा। क्योंकि जलसंकट को लेकर नगर निगम की तैयारी अभी भी अधूरी ही है।
खराब पड़ी डीप बोरिंग अभी तक नहीं हुई ठीक
हालांकि, निगम प्रत्येक वर्ष जलसंकट से निजात पाने के लिए योजना तो बनाता है, लेकिन उनकी यह योजना हर बार धरी की धरी ही रह जाती है। राजधानी के विभिन्न इलाकों में खराब पड़ी डीप बोरिंग व चापानल को दुरुस्त नहीं कराया जा रहा है।
राजधानी के श्रीनगर रोड नंबर एक व आनंद नगर में महीनों पहले डीप बोरिंग खराब हुई, लेकिन अब तक उसे ठीक नहीं किया जा सका है। हालत यह है कि आनंदनगर डीप बोरिंग का खराब मोटर एक माह पहले निगम ने बनाने के लिए खोलकर ले गया लेकिन अब तक मोटर नहीं बन पाया है। पूर्व पार्षद ओमप्रकाश ने बताया कि लगातार शिकायत करने के बाद भी डीप बोरिंग को ठीक नहीं किया जा सका है।
शहर में खराब पड़ी डीप बोरिंग।
जलाशयों में पर्याप्त पानी नहीं, गाद व जलकुंभी से भरा जलाशय
इधर जलसंकट से उबरने के लिए निगम की तैयारी अधूरी तो उधर, शहर के जलाशयों की स्थिति भी गंभीर बनी हुई। जलाशयों में गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है।रूक्का डैम में गाद की सफाई नहीं होने के कारण जलस्तर कम हो गया है। सिर्फ दस फीट ही पानी सप्लाई कर पीने लायक बचा है। गाद की सफाई होती तो पानी का भंडारन बढ़ जाता है। इसके साथ ही डैमों में जलकुंभी का भी भरमार लगा हुआ है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।20 नए टैंकर खरीदेगा निगम, पुराने में लग रहा जंग
गर्मी की आहट होते ही अब नगर निगम की नींद खुली है। निगम ने 20 नए टैंकर खरीदने का फैसला लिया है। बता दे कि निगम के पास तत्काल में 54 टैंकर हैं। लेकिन लोगों की प्यास बुझाने के लिए टैंकरों की यह संख्या पर्याप्त नहीं है। इसलिए निगम 20 नए टैंकरों खरीदेगा।जबकि निगम के बकरी बाजार स्टोर कार्यालय में लगे कई टैंकरों में जंग लग गया है। यहां रखे दर्जनों टैंकर की स्थिति जर्जर हो चुकी है। हालत यह है कि टैंकर से जितना पानी भेजा जाता है, उससे अधिक तो बह ही जाता है। टैंकरों के रखरखाव भी नहीं किया जा रहा है।प्रत्येक वर्ष राजधानी में क्यों बनती है जलसंकट की स्थिति
- ग्राउंड वाटर रिचार्ज नहीं होने से लगभग 80 प्रतिशत पानी बर्बाद हो जाता है।
- बढ़ती जनसंख्या, तेजी से होता शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और कम बारिश होने से परेशानी बढ़ी है।
- जरूरत के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। बारिश का पानी बेकार चला जाता है। दस प्रतिशत लोगों ने ही करा रखा है रेन वाटर हार्वेस्टिंग
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