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Ranchi News: भीषण सूखे की चपेट में झारखंड के इन जिलों के 136 ब्लॉक, इतने हजार की आर्थिक सहायता करेगी सरकार

Jharkhand News झारखंड के 20 से भी अधिक जिलों के 136 ब्लॉक भीषण सूखे की मार झेल रहे हैं। सरकार ने इस बार 28 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल के आच्छादन का लक्ष्य रखा था लेकिन 18 लाख हेक्टेयर में ही फसल लग पाई है। इस बार 34 प्रतिशत वर्षा कम हुई है जिसका असर फसलों पर पड़ा है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 20 Oct 2023 08:16 PM (IST)
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भीषण सूखे की चपेट में राज्य के 136 ब्लॉक। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड लगातार दूसरी बार भीषण सुखाड़ की चपेट में है। राज्य के 21 जिलों के कुल 136 प्रखंडों में खरीफ फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। सुखाड़ की वास्तविक रिपोर्ट के लिए स्थलीय जांच (आंकलन) की जा रही है।

कृषि विभाग की टीम पलामू, गढ़वा, लोहरदगा, बोकारो, साहिबगंज सहित 21 जिलों में धान, मकई सहित अन्य फसलों की जांच कर रही हैं, ताकि इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जा सके।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में सुखाड़ को लेकर एक मैनुअल तैयार किया है, जिसके अनुसार जिला, ब्लॉक और पंचायत में सुखाड़ घोषित किया जाता है।

34 फीसद कम बारिश

इस बार 28 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल के आच्छादन का लक्ष्य रखा गया, लेकिन 18 लाख हेक्टेयर में ही फसल लग पाई है।

इसमें से 18 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य था, जिसमें 11.45 लाख हेक्टेयर में ही धान का आच्छादन हुआ है। इस बार 34 प्रतिशत वर्षा कम हुई है, जिसका असर फसलों पर पड़ा है।

पिछली बार 226 ब्लॉक सुखाड़ घोषित

पिछले साल राज्य के 22 जिलों के 226 ब्लॉक में सुखाग्रस्त घोषित किया गया था। इस बार 21 जिलों के 136 ब्लॉक में सुखाड़ के आसार हैं। हालांकि स्थलीय जांच के बाद सुखाग्रस्त क्षेत्रों में बढ़ोतरी की संभावना है।

सुखाड़ घोषित करने में कृषि, स्वास्थ्य, ग्रामीण, जल संसाधन और आपदा विभाग की भूमिका होती है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जो स्थलीय जांच रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए राज्य में सुखाग्रस्त जिलों की घोषणा करेगी।

किसानों को 4 हजार रुपये की आर्थिक मदद

पिछली बार राज्य सरकार ने सुखाड़ की मार झेलने वाले प्रत्येक किसानों को 3500 रुपये की राहत प्रदान की थी। इस बार भी सरकार किसानों की मदद करेगी। इस बार प्रति हेक्टेयर चार रुपये किसानों को दिए जाएंगे।

इसके लिए सरकार ने फसल राहत योजना के पंजीयन की तिथि बढ़ा दी है। पहले इसकी अंतिम तिथि 15 अक्टूबर की थी, लेकिन राज्य सरकार स्थिति को देखते हुए पंजीयन की अंतिम 30 नवंबर तक बढ़ा दी है।

केंद्र सरकार ने नहीं दिया था राहत पैकेज

पिछली बार सुखाड़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार की टीम आई थी। टीम ने राज्य के कई जिलों का दौरा किया था। राज्य सरकार की ओर से 9500 करोड़ रुपये की राहत का पैकेज केंद्र सरकार से मांगा गया था।

केंद्र सरकार ने राज्य आपदा रिलीफ फंड (एसडीआरएफ) से खर्च करने की सलाह दी थी। बता दें कि एसडीआरएफ फंड में तीन हजार करोड़ रुपये रहते हैं।

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