Ranchi news: ऑपरेशन डबल बुल से हथियार जब्ती का मामला, NIA ने 16 लोगों के खिलाफ दायर किया चार्जशीट
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल में ऑपरेशन डबल बुल के दौरान पिछले साल 28 हथियार जब्ती के मामले में एक महिला सहित 16 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। इन लोगों पर आईपीसी शस्त्र अधिनियम विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत चार्जशीट दायर किया गया है।
राज्य ब्यूरो, रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल में ऑपरेशन डबल बुल के दौरान पिछले साल 28 हथियार जब्ती के मामले में एक महिला सहित 16 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया।
इन लोगों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत पूरक आरोप पत्र शनिवार को एक विशेष अदालत में दायर किया गया।
बताया जा रहा है कि एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ बूढ़ा की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए नक्सलियों ने बूढ़ा पहाड़ पर पूरी तैयारी की थी और हथियार व गोला-बारूद जुटाया था। इसका नेतृत्व माओवादियों का 15 लाख का इनामी रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू कर रहा था।
चार्जशीट में इन लोगों का नाम
एनआईए ने जिनपर चार्जशीट की है, उसमें बलराम उरांव उर्फ बाली, शैलेश्वर उरांव उर्फ मंदीप उर्फ कसाई, दशरथ सिंह खेरवार, शैलेन्द्र नगेशिया उर्फ विनोद नगेशिया, मरकुश नगेशिया उर्फ मरकुश, मुकेश कोरवा, बीरेन कोरवा, शीला खेरवार, संजय नगेशिया उर्फ मोटा, बालक गंझू उर्फ सुखदयाल गंझू, सूरज नाथ खेरवार उर्फ गुड्डू, नंदकिशोर भारती उर्फ सुदर्शन भुइया, अमन गंझू, जतरू खेरवार, मुनेश्वर गंझू और गोविंद बिरिजिया शामिल है।
इससे पूर्व गत वर्ष 18 मई 2022 को झारखंड पुलिस ने पहले नौ आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी। इस तरह अब तक इस प्रकरण में कुल 25 आरोपितों पर चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
फरवरी 2022 में झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन डबल बुल चलाया था, जिसमें यह सफलता मिली थी। इस केस को टेकओवर करने के बाद एनआईए ने छानबीन में गिरफ्तार नक्सलियों का बयान लिया और आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के एंगल को भी जांचा।
14 जून 2022 को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
हथियारों व गोला-बारूद की बरामदगी मामले में लोहरदगा के पेशरार थाने में पिछले साल 21 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इस केस को री-रजिस्टर्ड करते हुए एनआईए ने 14 जून 2022 को आरसी-02/2022/एनआईए/आरएनसी में प्राथमिकी दर्ज की थी। लोहरदगा-लातेहार सीमा पर आठ फरवरी 2022 से अभियान चल रहा था।
इस अभियान के दौरान एक उग्रवादी दिनेश नगेशिया मुठभेड़ में मारा गया था। वहीं, दस लाख रुपये का इनामी एक जोनल कमांडर, तीन सब जोनल कमांडर, एक एरिया कमांडर व छह माओवादियों के सक्रिय सदस्य गिरफ्तार किए गए थे।
इस अभियान के दौरान कुल 28 हथियार, भारी मात्रा में कारतूस व आईईडी की बरामदगी हुई थी। इन 28 हथियारों में 19 हथियार पुलिस से लूटे हुए थे, जिसे नक्सलियों ने विभिन्न घटनाओं में लूटा था।
इस केस के संबंध में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) ग्रुप का तार झारखंड के नक्सलियों से जुड़ा था। इसके बाद ही एनआईए ने इस केस के अनुसंधान की रूचि दिखाई थी, जिसे गृह मंत्रालय की स्वीकृति मिली और एनआईए ने अपनी रांची शाखा में आरसी-02/2022/एनआईए/रांची में केस दर्ज किया था।
20 दिनों तक चला था सर्च ऑपरेशन
बुलबुल जंगल में ऑपरेशन डबल बुल 15 लाख के इनामी माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते के विरुद्ध झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ ने अभियान चलाया था।
सुरक्षा बलों को जानकारी मिली थी कि रवींद्र गंझू अपने सक्रिय सहयोगी बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू, बालक गंझू, दिनेश नगेशिया, अघनू गंझू, लाजिम अंसारी, मारकुश नगेशिया, संजय नगेशिया, शीला खेरवार, ललिता देवी व 40-60 अन्य नक्सलियों के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।
वह सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ बॉक्साइट खदान में भी हमला करने वाला है। इसी सूचना पर झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से हरकट्टा टोली के बाहाबार जंगल व बंगाला पाट में ऑपरेशन डबल बुल चलाया था, जिसमें उक्त सफलता हाथ लगी थी।