Ranchi News: सैनिटाइजर से भी खत्म नहीं हो रहे कंजक्टिवाइटिस के वायरस, शहर में तेजी से बढ़ रहे हैं इसके मामले
Ranchi News झारखंड की राजधानी रांची में इन दिनों आंख का फ्लू कंजक्टिवाइटिस तेजी से फैल रहा है। इससे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। अस्पतालों के नेत्र विभाग के ओपीडी में आने वाले मरीजों में 40 प्रतिशत संख्या बच्चों की है। ये वायरस इतने खतरनाक हैं कि इन्हें सैनिटाइजर से भी नहीं खत्म किया जा सकता। हाथों को धोना ही एकमात्र विकल्प बचता है।
जासं, रांची। शहर में एक बार फिर तेजी से आंख का फ्लू कंजक्टिवाइटिस फैल रहा है। इसमें सबसे अधिक बच्चे पीड़ित हो रहे हैं, जिससे स्कूल प्रबंधन की भी परेशानी बढ़ती दिख रही है। अस्पतालों के नेत्र विभाग के ओपीडी में आने वाले मरीजों में 40 प्रतिशत संख्या बच्चों की है।
अभिभावकों के साथ बच्चे पहुंच रहे हैं अस्पताल
ये आंख के आंख लाल होने की समस्या को लेकर अपने अभिभावकों के साथ पहुंच रहे हैं। सरकारी व निजी आंख के अस्पतालों में आंख लाल होना, आंखों में सूजन, दर्द जैसी समस्या लेकर सभी आयु वर्ग के लोग पहुंच रहे हैं। जिन्हें स्टीराॅयड युक्त एंटीबायोटिक दवा सहित अन्य सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
रिम्स के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. राहुल बताते हैं कि यह आंखों की बीमारी है, जिसे आई फ्लू इंफेक्शन भी कहा जाता है। इससे बच्चे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। यह एक संक्रामक बीमारी है और इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह तेजी से फैल सकता है इसलिए जरूरी है कि जो कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं वे चश्मा पहने और अपनी आंखों को बिल्कुल ना छुएं।
सैनिटाइजर से भी नहीं खत्म होते वायरस
कंजक्टिवाइटिस के मरीज अगर अपनी आंखों को छूते हैं और सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं, तो भी उनके हाथों का संक्रमण खत्म नहीं होता।
डाॅक्टरों के अनुसार यह वायरस इतना खतरनाक होता है कि इसे हटाने के लिए हैंडवाश करना ही एकमात्र विकल्प है। इसे हल्के में लेने से संक्रमित व्यक्ति के साथ आने से यह उसे भी हो सकता है।
ओपीडी में हर दिन आ रहे 60 से अधिक मरीज
सबसे बड़े अस्पताल रिम्स और सदर अस्पताल में इस बीमारी से संक्रमित मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन करीब 60 से अधिक मरीज आई फ्लू इंफेक्शन से पीड़ित होकर इलाज के लिए अस्पताल के आई ओपीडी पहुंच रहे हैं। रिम्स के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में करीब 150 से अधिक मरीज अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं।
स्कूलों का नोटिस- बच्चों को आई फ्लू इंफेक्शन है तो ना भेजें
आई फ्लू इंफेक्शन को लेकर कई स्कूलों ने नोटिस भी जारी कर दी है। इसके अलावे कई स्कूल प्रबंधन ने वाॅट्सएप ग्रुप में भी सूचना शेयर करने का काम कर रहे हैं कि अगर किसी बच्चों को कंजक्टिवाइटिस या फिर आंखों से जुड़े किसी भी तरह का कोई इंफेक्शन हुआ है, तो उस बच्चे को जब तक वह पूरी तरह से संक्रमण से ठीक ना हो जाए स्कूल ना भेजें। स्कूलों में इस वजह से बच्चों की उपस्थिति भी कम हो गई है।
आई फ्लू इंफेक्शन से बचाव के उपाय
- अपने हाथों की थोड़े-थोड़े समय पर हैंड वाश से साफ करें
- आंखों को बार-बार ना छुए
- भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
- आंखों को हर 2 घंटे में साफ ठंडे पानी से धोएं
- पीड़ित व्यक्ति के किसी भी तरह के कपड़े, तौलिए या बेड का प्रयोग ना करें
- संक्रमित व्यक्ति चश्मे का प्रयोग करें
ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या
नेत्र सहित शिशु रोग विभाग में भी आंख लाल होने की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं लोग। साथ ही स्किन ओपीडी और मेडिसिन में भी फंगल और मौसमी बीमारी के सबसे अधिक मरीज पहुंचे। विभाग- मरीजों की संख्या शिशु रोग विभाग- 142, नेत्र विभाग- 176, ईएनटी- 183, मेडिसिन- 383, स्किन- 209, डेंटल- 151