Ranchi News: मौत के आगोश से पानी निकाल कर यहां प्यास बुझाते हैं मासूम... जिंदगी दांव पर
Ranchi News बेड़ो प्रखंड के शेरो उत्क्रमित उच्च विद्यालय का चापाकल खराब हो जाने से पेयजल को लेकर बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जान जोखिम में डालकर बच्चे पानी पीते हैं। लेकिन कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
By Sanjay KumarEdited By: Updated: Mon, 04 Apr 2022 02:30 PM (IST)
रांची, [कुमार गौरव]। Ranchi News भले ही शिक्षा विभाग ने स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे अभियान की शुरूआत 01 अप्रैल से कर दी हो लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई विद्यालय ऐसे हैं जहां आज भी हमारे बच्चे पानी पीने के लिए जान जोखिम में डाल देते हैं। हालात ऐसे होते हैं कि सावधानी घटी दुर्घटना घटी...वाली स्थिति बन जाती है। जिले के बेड़ो के शेरो गांव से कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आईं हैं। जहां छोटे छोटे बच्चे खुले कुआं से लकड़ी के पट्टे पर खड़े होकर पानी भर रहे हैं। बेशक राेंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीर है। लेकिन क्या करें जल संकट के बीच प्यास तो बुझानी पड़ेगी। तो, बच्चे जोखिम उठाते हैं और अपनी गले को तर करते हैं।
बता दें कि बेड़ो प्रखंड के शेरो उत्क्रमित उच्च विद्यालय का चापाकल खराब हो जाने से पेयजल को लेकर बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इस स्कूल के चापाकल पर न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं और न ही अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। जिससे स्कूल के बच्चों को पेयजल के लिए बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर खुले कुएं के पानी से अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। जहां बड़ी घटना होने की संभावना बनी रहती है।
विद्यालय का खराब चापाकल। 618 छात्र छात्राएं हैं नामांकित
विद्यालय का चापाकल खराब पड़ा है। स्कूल में 618 छात्र व छात्राएं नामांकित हैं। प्रधानाध्यापक हसन खान ने चापाकल चालू कराने के लिए विभाग के उच्च पदस्थों को लिखित सूचना दी है। ताकि स्कूल के बच्चों को जान जोखिम में डालकर अपनी प्यास न बुझानी पड़े।
बता दें कि मध्याह्न भोजन के समय बच्चों को पानी पीने और हाथ धोने में भी भारी परेशानी होती है। वहीं प्रखंड के जहानाबाज राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय में पिछले एक वर्ष से बोरिंग खराब पड़ा हुआ है। जिस कारण विद्यार्थियों को कुएं का पानी पीना पड़ता है। स्कूल के प्रधानाध्यापक अंजय कमल कमरेश ने बताया कि स्कूल में 298 छात्र छात्राएं हैं। जिन्हें मिड डे मिल का खाना भी खिलाना पड़ता है। गांव के लोगों से पाइप व मशीन मांग कर स्कूल में पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि खराब बोरिंग की सूचना लगातार देने के बाद भी अभी तक यह नहीं बन पाया है। जिससे बहुत परेशानी हो रही है। यही हाल खलारी प्रखंड के भी करीब 05 विद्यालयों का है जहां तपती गर्मी में बच्चाें को पानी तक मयस्सर नहीं है।नहीं रहेगी कोई समस्यारांची स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे अभियान के सहायक अभियंता सह नोडल पदाधिकारी जयंत कुमार का कहना है कि रांची जिले के सभी प्रखंडों के लिए मोबाइल वैन की शुरूआत की गई है। सभी प्रखंडाें में इस वैन के तकनीकी सदस्य प्रतिदिन कम से कम 04 विद्यालयों के खराब पड़े संसाधनों को दुरूस्त करेंगे। 45 दिनों के अंदर यह टारगेट दिया गया है कि जिले के सभी विद्यालयाें में संसाधनों को दुरूस्त किया जाए।
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