Jharkhand: डीजीपी का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर पैसे मांगने वाला उत्तर प्रदेश के मथुरा से गिरफ्तार
Jharkhand Police Niraj Sinha IPS Ranchi Hindi Samachar गिरफ्तार युवक लियाकत है। इसके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है। रांची पुलिस ने मथुरा पुलिस और राजस्थान पुलिस के सहयोग से उसे पकड़ा।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Mon, 24 May 2021 02:11 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उनके करीबियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर उनसे रुपये मांगने के आरोपित को रांची पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मथुरा से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित लियाकत है, जो उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गौवर्धन थाना क्षेत्र स्थित मडोरा का रहने वाला है। रांची पुलिस ने मथुरा पुलिस व राजस्थान की डिघ पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार किया है। उसके पास से वह मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है, जिसका प्रयोग उसने फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाने में व रुपये मांगने में किया है। इसके अलावा तीन अन्य मोबाइल भी बरामद किया गया है।
रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि डीजीपी नीरज सिन्हा के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर मैसेंजर के माध्यम से फोन-पे (PhonePe) व गूगल पे (Google Pay) से बैंक खाते में रुपयों की मांग की जा रही थी। इस संबंध में धुर्वा थाने में 18 मई 2021 को धोखाधड़ी व साइबर क्राइम से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एसएसपी स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहे थे। उन्होंने इस केस के अनुसंधान के लिए साइबर सेल की डीएसपी यशोधरा के नेतृत्व में एक टीम बनाई थी।
तकनीकी अनुसंधान के दौरान ही लियाकत के बारे में पुलिस को जानकारी मिली, जिसके बाद एक टीम मथुरा गई थी। गिरफ्तारी के बाद लियाकत ने इस कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार ली है। रांची पुलिस की टीम उसे रविवार को मथुरा से लेकर रांची आई। इस कांड के खुलासे में डीएसपी साइबर सेल यशोधरा के अलावा पुलिस निरीक्षक जॉन मुर्मू, साइबर सेल रांची के दारोगा विपुल कुमार ओझा व सिपाही संदीप कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
मोबाइल नंबर व बैंक खाते से अपराधी तक पहुंची पुलिसडीजीपी का फर्जी फेसबुक बनाने में गिरफ्तार लियाकत तक पहुंचने में रांची पुलिस को मोबाइल नंबर व बैंक खाते ने पूरी मदद की। फर्जी फेसबुक अकाउंट से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर मैसेंजर पर रुपये मांगने के लिए गूगल पे, फोन पे के लिए जो मोबाइल नंबर दिया गया था, उसका पुलिस ने लोकेशन निकाला। इसके अलावा जिस बैंक खाते में रुपये मंगाए गए, वह बंधन बैंक मथुरा का बैंक खाता था, जिसके आधार पर आरोपित का पता मिल गया और पुलिस उस तक पहुंच गई।
फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाने का पाठशाला है लियाकत, बच्चों की खड़ी कर चुका है फौजअब तक की प्रारंभिक पूछताछ में उसने स्वीकारा है कि वह करीब दो साल से ऐसा कर रहा है। उसने फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने व मैसेंजर पर रुपये मांगने तक का पूरा प्रशिक्षण बच्चों को भी दे चुका है। उसने इस जालसाजी में बच्चों की एक बड़ी फौज खड़ी कर दी है। उसने पुलिस को बताया है कि फेसबुक पर जो भी खाता बिना लॉक का मिलता है, उसमें वह बड़े चेहरे की तलाश करता था। जैसे ही उसे पता चलता था कि इस व्यक्ति का प्रोफाइल बड़ा है, उसका वह फोटो तथा सभी डिटेल्स चुरा लेता था और उसपर नया आइडी बनाकर मूल प्रोफाइल के सभी दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता था तथा मैसेंजर पर चैट कर रुपये की मांग करता था। लियाकत ने बताया कि डीजीपी नीरज सिन्हा का फर्जी फेसबुक अकाउंट उसने स्वयं बनाया था।
बीमारी या आवश्यक कार्य का बहाना बनाकर मांगते हैं रुपयेफर्जी फेसबुक अकाउंट के मैसेंजर पर ये जालसाज बीमारी या आवश्यक कार्य का बहाना बनाकर रुपये की मांग करते हैं। ये यह भी कहते हैं कि रुपये दे दो, दूसरे दिन वापस कर देंगे। कई तो इनके झांसे में आ जाते हैं, लेकिन जो समझ चुके हैं, वे इससे परहेज करते हैं।
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