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Ranchi: अवैध खनन से जुड़े मामले में सुनील यादव ईडी की विशेष अदालत में पेश, न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी के फरार वारंटी सुनील यादव शनिवार को रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया गया है। ईडी कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर साहिबगंज पुलिस ने शुक्रवार की रात उसे गिरफ्तार किया था। शनिवार को साहिबगंज पुलिस उसे लेकर रांची पहुंची

By Dilip KumarEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Sun, 27 Aug 2023 02:42 AM (IST)
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अवैध खनन से जुड़े मामले में सुनील यादव ईडी की विशेष अदालत में पेश, न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड के साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी के फरार वारंटी सुनील यादव शनिवार को रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया गया है।

ईडी कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर साहिबगंज पुलिस ने शुक्रवार की रात उसे गिरफ्तार किया था। शनिवार को साहिबगंज पुलिस उसे लेकर रांची पहुंची और ईडी की विशेष अदालत में उसे प्रस्तुत किया, जहां से कोर्ट के आदेश पर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

रिमांड में लेकर होगी पूछताछ

अब ईडी उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। हालांकि, ईडी के अधिकारिक सूत्रों की मानें तो अगले हफ्ते ही सुनील यादव को रिमांड पर लेने के लिए ईडी कोर्ट से आग्रह करेगी। तब तक वह जेल में ही रहेगा।

गिरफ्तार सुनील यादव पंकज मिश्रा के सहयोगी दाहू यादव का भाई है। अब भी दाहू यादव व उसका बेटा राहुल यादव फरार है।

दोनों के विरुद्ध ईडी कोर्ट से पूर्व में ही गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। इससे संबंधित पत्र साहिबगंज पुलिस को मिल चुका है। अब दोनों के मिलते ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी।

अब तक ये हो चुके हैं गिरफ्तार

अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान के दौरान अब तक ईडी ने बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, पंकज मिश्रा के सहयोगी बच्चू यादव, प्रेम प्रकाश व दाहू यादव के पिता पशुपति यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सुनील यादव पांचवा आरोपित है, जिसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

सुनील यादव पर क्या है आरोप

गिरफ्तार कर जेल भेजे गए सुनील यादव के अलावा फरार दाहू यादव व राहुल यादव पर आरोप है कि ये सभी पंकज मिश्रा के सहयोगी हैं।

पंकज मिश्रा के इशारे पर साहिबगंज में अवैध पत्थर, बालू खनन करते थे और गंगा नदी के रास्ते उसे बिहार-बंगाल में सप्लाई करते थे।

इसके एवज में मोटी कमाई होती थी। गंगा नदी में जहाज डूबने की घटना के बाद इनके काले धंधे सामने आए थे, लेकिन तब पूरे मामले को दबा दिया गया था। बाद में ईडी ने जब मनी लांड्रिंग के एंगल पर जांच शुरू की, तब पूरा खेल उजागर हुआ था।

पंकज मिश्रा व उनके इन सभी सहयोगियों पर आरोप है कि ये अवैध पत्थर, बालू के खनन-परिवहन से आने वाले काले धन को राज्य के बड़े नेताओं व नौकरशाहों तक भी सप्लाई किए हैं। इसके अलावा काले धन का निवेश जमीन, होटल व अन्य धंधों में भी किए गए हैं।

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