Ranchi University Convocation: रांची यूनिवर्सिटी में 185 टापर्स को मिला गोल्ड मेडल
Ranchi University Convocation रांची यूनिवर्सिटी के 35 वें दीक्षा समारोह में 106 पीएचडी धारी जबकि 79 टापर्स को गोल्ड मेडल दिए गए। जिसमें रांची यूनिवर्सिटी के स्नातक में 54 टापर्स शामिल रहे। दीक्षा समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल रमेश बैस सभागार पहुंचे।
By Sanjay KumarEdited By: Updated: Sat, 05 Feb 2022 01:45 PM (IST)
रांची, जासं। Ranchi University Convocation रांची यूनिवर्सिटी के 35 वें दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस सभागार पहुंचे, उनके स्वागत के लिए कुलपति डा कामिनी कुमार समेत सभी वरीय पदाधिकारी व शिक्षकगण कतारबद्ध दिखे। कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए राष्ट्रगान से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। मैं दीक्षा समारोह को शुरू करने की इजाजत देता हूं...राज्यपाल द्वारा यह कहते ही कार्यक्रम की शुरूआत हुई और बारी बारी से सभी विभागाध्यक्ष ने अपने टापर्स को राज्यपाल का अभिवादन करने व इस आयोजन के लिए धन्यवाद किया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कुलाधिपति को स्मृति चिन्ह व शाल भेंट कर स्वागत किया। दीक्षा समारोह में 106 पीएचडी धारी जबकि 79 टापर्स को गोल्ड मेडल दिए गए। जिसमें रांची यूनिवर्सिटी के स्नातक में 54 टापर्स शामिल रहे।अब आपको अपने जीवन की नई और चुनौतीपूर्ण पारी खेलनी है
कुलाधिपति ने सभी गोल्ड मेडलिस्ट व डिग्री धारियों को बधाई देते हुए कहा कि आपलोगों के बीच आकर मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। यह एक अविस्मरणीय पल तो है ही साथ ही अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणादायक, उत्साहवर्द्धक और नवीन आशाओं का संदेशवाहक है। दीक्षा समारोह का अपना एक विशेष महत्व है। विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान, उमंग एवं उत्साह इस समारोह की गरिमा को और बढ़ा देता है। यह क्षण विद्यार्थियों के लिए अपनी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ आगामी जीवन सफर तय करने की दिशा में एक नया कदम भरने का रोमांच एवं नए दायित्वों को भी निभाने के लिए प्रेरित करता है। अभी तक आप अपने माता पिता, गुरुजनों के परामर्श से चलते रहे, लेकिन अब आगे आपको जीवन में अपना मार्ग स्वयं ढूंढ़ना और बनाना है। विवि ने पाठ्यक्रमों, योजनाओं, नीतियों तथा अनेक उपयोगी गतिविधियों के माध्यम से आपको संस्कारित किया है। अब आपको अपने जीवन की नई और चुनौतीपूर्ण पारी खेलनी है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य चरित्र निर्माण है। शिक्षा का कार्य खाली दिमाग को खुले दिमाग में बदलना है। इसके लिए जरूरी है कि शिक्षक अपने हृदय में सहानुभूति और समर्पण को जगह दें ताकि शिक्षक छात्रों को समझ सके, उनकी समस्याओं को जान सके, पहचान सके और उसके निदान का मार्ग प्रशस्त कर सकें।
उन्होंने ये भी कहा कि हमारे यहां नालंदा एवं तक्षशीला जैसे विश्वप्रसिद्ध व ख्यातिप्राप्त ज्ञान के केंद्र थे। जहां पूरे विश्व से विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करने आते थे और आज हमारे विद्यार्थी उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए विदेश जाने के लिए इच्छुक रहते हैं। हमें इसके कारण जानने होंगे और इस दिशा में कार्य करना होगा। इस स्थिति में परिवर्तन लाना होगा।
रांची यूनिवर्सिटी लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रही हैकुलपति ने कहा कि 62 वर्षों के उतार चढ़ाव भरे रास्ते में कई चुनौतियां आईं हैं लेकिन इसके बाद भी रांची यूनिवर्सिटी लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रही है। यूजी और पीजी के कई नए कोर्सेस की शुरूआत इस वर्ष हुई है। 09 जनजातीय भाषाओं की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और अब हमारा लक्ष्य नैक से ए ग्रेड लेने का है। पूर्व राष्ट्रपति डा एपीजे अब्दुल कलाम की बातों को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि विवि का दीक्षा समारोह किसी बांध खोलने के जैसा है जहां से बड़ी संख्या में दीक्षित युवा बाहर निकलकर अपनी प्रतिभा से संस्थान व उद्यमों को खेत की तरह सींचते हैं...।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ही विवि के ब्रांड एंबेसडर होते हैं। उनकी उपलब्धियां ही संस्थान की उपलब्धियां होती हैं। उन्होंने लड़कियों की उपलब्धि पर हर्ष जताते हुए कहा कि 79 गोल्ड मैडल में आधे से अधिक लड़कियां हैं।इन्हें मिला गोल्ड मेडलएमएससी
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