Rat Hole Mining: 41 मजदूरों को उत्तरकाशी सुरंग से निकालने में काम आई देसी तकनीक, जानिए कैसी करती है ये काम
उत्तराखंड के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में रैट होल माइनर्स वरदान साबित हुए। कई तरह की अड़चनों के बीच 17 दिनों तक चले अभियान के अंतिम चरण में मोर्चा संभालने वाले इन खनिकों ने अपना काम सफलतापूर्वक पूरा किया। सिम्फर के वरिष्ठ विज्ञानी एके द्विवेदी बताते हैं कि वास्तव में सिलक्यारा में रैट होल माइनिंग करने वाले लोग बचाव दल के ही सदस्य हैं।
By Jagran NewsEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 28 Nov 2023 10:48 PM (IST)
जागरण टीम, रांची/धनबाद। उत्तराखंड के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में रैट होल माइनर्स वरदान साबित हुए। कई तरह की अड़चनों के बीच 17 दिनों तक चले अभियान के अंतिम चरण में मोर्चा संभालने वाले इन खनिकों ने अपना काम सफलतापूर्वक पूरा किया।
केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिम्फर) के वरिष्ठ विज्ञानी एके द्विवेदी बताते हैं कि वास्तव में सिलक्यारा में रैट होल माइनिंग करने वाले लोग बचाव दल के ही सदस्य हैं, जिन्होंने खास तरीके से खनन कर अभियान को सफल बनाया। उत्तराखंड के पहाड़ों की प्रकृति अलग है।
खासकर उस स्थान पर स्खलन का भी खतरा ज्यादा रहता है, जहां पहले से ही स्खलन के बाद मलबा जमा हो चुका हो। ऐसे में वहां धीरे-धीरे छिद्र नुमा मार्ग बना कर सुरक्षित तरीके से भीतर पहुंचा जा सकता था। मलबा हटाकर रास्ता बनाना भी एक बड़ा काम था, जिसे बचाव दल ने कुशल तरीके से किया।
ऐसे होती है रैट होल माइनिंग
रैट होल माइनिंग में माइनिंग के लिए छिद्र नुमा बचाव मार्ग बनाया जाता है, जिसमें एक या दो आदमी के घुसने लायक जगह होती है। गैंती, फावड़ा और टोकरी तथा रस्सी जैसे उपकरणों के सहारे ही यह पूरा काम करते हैं। एक आदमी खुदाई करता है और दूसरा कोयला या अन्य खनिज या मलबा इकट्ठा करता है।
दल के अन्य सदस्यों के सहयोग से उसे बाहर निकाला जाता है। कई बार एक ओर से खनन कर आगे बढ़ते हुए ये दूसरे छोर पर रास्ता बनाकर निकलते हैं और ज्यादातर मामलों में उसी रास्ते से खनिज लेकर बाहर निकलते हैं।
सिलक्यारा में इसी तरीके का उपयोग करते हुए रैट होल माइनर्स भीतर घुसे और मलबा निकालकर रास्ता साफ किया।
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