काम करते समय मजदूरों की मौत पर मिलने वाले अनुदान में बड़ी कटौती, अब सिर्फ इतने लाख का ही मिलेगा अनुदान
Jharkhand News भवन निर्माण और अन्य निर्माण कार्यों में शामिल निबंधित मजदूरों की आकस्मिक मौत पर आश्रितों को मिलने वाले अनुदान में संशोधन किया गया है। एक मामले में जहां अनुदान में कटौती की गई है। वहीं एक के मामले में वृद्धि भी की गई है। श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। भवन निर्माण एवं संबंधित अन्य निर्माण कार्यों में संलग्न निबंधित मजदूरों के आकस्मिक निधन पर उनके आश्रितों को मिलने वाले अनुदान की राशि में संशोधन किया गया है।
एक मामले में जहां अनुदान की राशि में कटौती की गई है, तो एक के मामले में वृद्धि भी की गई है। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में निर्णय
सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के आलोक में इसे लेकर झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की नौ जनवरी को हुई बैठक में निर्णय लिया गया था।अब आश्रित को मिलेंगे चार लाख रुपये
निर्माण कार्य के दौरान किसी मजदूर की मौत होने पर उसके आश्रित को अब चार लाख रुपये मिलेंगे। पहले यह राशि पांच लाख रुपये थी। लेकिन यदि किसी मजदूर की असामयिक मौत किसी बीमारी से होती है तो उसके आश्रित को अब एक लाख की जगह दो लाख रुपये की सहायता राशि बोर्ड के माध्यम से दी जाएगी।
अपंगता पर मिलेगी तीन लाख रुपये
दुर्घटना से अपंगता या आंशिक अपंगता पर पूर्व की तरह अनुदान की राशि मिलती रहेगी। इसके तहत पूर्ण अपंगता की स्थिति में तीन लाख रुपये तथा आंशिक अपंगता पर दो लाख रुपये प्राप्त होंगे।इन मजदूरों को मिलेगा लाभ
बता दें कि भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्त विनियम) अधिनियम, 1996 और इससे संबंधित झारखंड में वर्ष 2006 से लागू नियमावली के तहत इस क्षेत्र में काम करनेवाले निबंधित मजदूरों को यह लाभ मिलता है।सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर इसके अलावा, उनके लिए कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं संचालित होती हैं। इन योजनाओं का लाभ झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड से उन मजदूरों को मिलता है, जो यहां निबंधित हैं।
बोर्ड इन योजनाओं का संचालन निर्माण कार्यों से प्राप्त होनेवाले कुल लागत के एक प्रतिशत सेस की राशि से करता है।यह भी पढ़ें: Ranchi में फ्लाईओवर पर संजय ने भरी रफ्तार, यशस्विनी भुना रहीं HEC का मुद्दा; 25 मई को तय होगी किस्मत
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