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Religion Conversion Case: 75 वर्षीय वृद्धा बोली- बजरंगबली हैं हमारे देवता, नहीं बदलूंगी अपना धर्म

Conversion in Jharkhand Religion Conversion Case Jharkhand Hazaribagh News हजारीबाग के दारू में ईसाई मिशनरियों ने हाल ही में 200 लोगों का मतांतरण करा दिया है। एक परिवार के नौ सदस्य ईसाई बन गए। 75 वर्षीय वृद्धा बोली कि मैं धर्म बदलने वालों में नहीं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Sun, 22 Aug 2021 04:01 PM (IST)
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Religion Conversion Case, Jharkhand Hazaribagh News अपने पोते के साथ खेलती मंझली मरांडी। जागरण।

दारू (हजारीबाग), [राजन सिन्हा]। हजारीबाग के दारू प्रखंड क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों द्वारा बड़े पैमाने पर साजिश के तहत कोरोना काल में मतांतरण कराया गया है। यहां हाल ही में 200 से अधिक लोगों को बरगला कर व प्रलोभन देकर ईसाई बनाया जा चुका है। इनमें ज्यादातर ऐसे हैं, जिनके घर के तमाम सदस्यों का मतांतरण हो चुका है। इसी बीच ऐसे लोग भी सामने आ रहे हैं, जो तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपना धर्म बदलने को तैयार नहीं हैं।

दारू प्रखंड की दिग्वार पंचायत की 75 वर्षीय मंझली मरांडी भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं। मंझली अपने परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य है। वह खुद को बजरंगबली का भक्त बताती है। मंझली को छोड़कर उनके परिवार के सभी नौ लोग ईसाई हो चुके हैं, लेकिन मंझली के निर्णय को कोई डिगा नहीं सका। हालत यह है कि मंझली अपने घर में बजरंग बली (हनुमान जी) और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करती है, जबकि शेष मतांतरित लोग ईसाई विधि से उपासना करते हैं। परिवार के सदस्यों से भी वह वापस सनातन धर्म में लौटने का आग्रह कर रही है।

विद्यालय और चर्च, जिस पर लग रहे मतांतरण के आरोप। जागरण।

मंझली कहती हैं, 'मैं जन्म से हिंदू हूं और मरते दम तक हिंदू ही रहूूंगी। बजरंगबली हमारे देवता हैं।' मंझली मरांडी के दोनों पुत्र बादल मरांडी और मोहन मरांडी 18 माह पहले ईसाई बन चुके हैं। बादल की पत्नी और चार बच्चे तथा मोहन व दो बच्चे भी ईसाई बन चुके हैं। वह कहती हैं कि हम अपना धर्म खुद तय नहीं कर सकते। ईश्वर ने हमें हिंदू धर्म में जन्म दिया है, तो हम आजीवन हिंदू ही रहेंगे। मुझे मेरे धर्म से कोई डिगा नहीं सकता। लोभ में पड़कर किसी को भी अपना धर्म नहीं बदलना चाहिए।

सास की तरह ही बहू भी रही अडिग

अपनी सास मंझली देवी की तरह मोहन मरांडी की पत्नी की भी हिंदू धर्म के प्रति गहरी आस्था है। पति के धर्म बदलने से नाराज होकर उसने घर ही छोड़ दिया है। बार-बार उसने पति को हिंदू धर्म नहीं छोड़ने का आग्रह किया था, लेकिन वह उसे रोक नहीं सकी। वर्तमान में वह टाटीझरिया के जेरुवाडीह गांव में स्थित अपने मायके में रह रही है।

पिपचो मिशन स्कूल पर आरोप

हजारीबाग के दारू इलाके में बड़ी संख्या में मतांतरण कराने का आरोप पिपचो मिशन स्कूल पर लगाया जा रहा है। स्कूल के पास ही रहने वाले बादल मरांडी के मुताबिक पिपचो मिशन स्कूल में ही उसने धर्म बदला था। 18 माह पहले काफी संख्या में लोग जुटे थे, जिसमें उसने धर्म बदलने की बात कही है। यह विद्यालय और चर्च करीब 20 साल से चल रहा है। बच्चों को स्कूल में मुफ्त शिक्षा दिलाना भी मिशनरियों की ओर से मतांतरण के लिए दिए जाने वाले प्रलोभन में शामिल है।

मतांतरण का विरोध, सीओ को ज्ञापन

दारू में लोगों का मतांतरण कराए जाने का भाजपा ने विरोध किया है। इस मुद्दे को लेकर दारू प्रखंड में उबाल है। भाजपा नेता व सांसद प्रतिनिधि आनंद देव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को दर्जनों ग्रामीणों के साथ सीओ (अंचल अधिकारी) नीतू कुमारी से मिला। उन्होंने सीओ से मतांतरण मामले में स्कूल की भूमिका की जांच कराने व स्कूल बंद कराने की मांग की। भाजपा ने मतांतरण के खिलाफ आंदोलन की बात कही है। सीओ नीतू कुमारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। थाना प्रभारी को पत्र लिखा जा रहा है। मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

'अभी गांव के किसी व्यक्ति ने मामले की लिखित सूचना नहीं दी है। शिकायत आने बाद कार्रवाई की जाएगी। सीओ कार्यालय से फोन आया है। पत्र आने के बाद वरीय अधिकारियों को सूचना दी जाएगी।' -विद्यासागर चौरसिया, थाना प्रभारी, दारू, हजारीबाग।

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