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Ravi Prakash: कैंसर पीड़ित पत्रकार रवि प्रकाश को मिला पेशेंट एडवोकेसी अवार्ड, विशेष बंडी पहनकर लिया पुरस्कार

Ravi Prakash विश्व लंग कैंसर सम्मेलन में वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश को पेशेंट एडवोकेसी एजुकेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वे इस साल भारत से इस पुरस्कार को पाने वाले इकलौते हैं। रवि पिछले चार सालों से लंग कैंसर से जूझ रहे हैं। इस पुरस्कार को लेने के साथ उन्होंने झारखंड की पारंपरिक बंडी पहनकर सरना धर्म कोड की वकालत भी की।

By Pradeep singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Sun, 08 Sep 2024 06:27 PM (IST)
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Ravi Prakash: कैंसर पीड़ित पत्रकार रवि प्रकाश को कैलिफोर्निया में मिला पेशेंट एडवोकेसी अवार्ड।

राज्य ब्यूरो, रांची। अमेरिका के तटीय शहर सैन डियेगो में सात सितंबर से शुरू वर्ल्ड लंग कैंसर कांफ्रेंस में वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश को पेशेंट एडवोकेसी एडुकेशनल अवार्ड दिया गया। इस साल यह पुरस्कार पाने वाले वह भारत के इकलौते व्यक्ति हैं।

लंग कैंसर पर काम करने वाली दुनिया की प्रतिष्ठित संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन फार द स्टडी ऑफ लंग कैंसर हर साल यह पुरस्कार विश्व के उन चुनिंदा लोगों को देती है, जो अपने-अपने देश में मरीजों की आवाज बन चुके हैं।

इस साल भारत से रवि के अलावा यह पुरस्कार दुनिया के नौ और लोगों को दिया गया है। इनमें आस्ट्रेलिया और मैक्सिको के दो-दो, अमेरिका, इटली, यूके (इंग्लैंड), नाइजीरिया और थाइलैंड से एक-एक पेशेंट एडवोकेट शामिल हैं।

इन दस लोगों में रवि इकलौते व्यक्ति हैं, जो खुद मरीज होकर पेशेंट एडवोकेसी करते हैं। बाकी के विजेता या तो केयरगिवर्स हैं या फिर लंग कैंसर के लिए काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि।

सैन डियेगो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित भव्य समारोह में करीब 100 देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष यह पुरस्कार दिया गया।

झारखंडी बंडी में लिया रवि ने पुरस्कार

यह पुरस्कार लेते वक्त पत्रकार रवि प्रकाश ने झारखंड की विशेष बंडी पहनी थी और उन्होंने सरना गमछा भी रखा था।‌ विश्व लंग कैंसर कांफ्रेंस में 100 देशों के प्रतिनिधियों के बीच अपने परिधान से रवि ने बड़ी बारीकी से सरना धर्म कोड की वकालत वैश्विक स्तर पर कर दी।

रवि ने मीडिया से कहा-बात किसी और धर्म विशेष के प्रचार की नहीं है। हम भारत के लोग हैं और संविधान की प्रस्तावना में ही धर्मनिरपेक्ष शब्द लिखा है।

लेकिन, आप 75 सालों तक आदिवासियों से उनके धर्म की पहचान नही छीन सकते। वे धर्म के कॉलम में ‘अन्य’ शब्द कब तक लिखेंगे। इसलिए मैंने यह बंडी पहन कर पुरस्कार लेने का निर्णय लिया था।

चार साल से बीमार हैं रवि

रवि प्रकाश पिछले चार साल से लंग कैंसर के अंतिम स्टेज के मरीज हैं। पिछले जून में उनकी बीमारी बढ़ कर दिमाग में भी आ गई। इसके बाद उनका पुराना मेडिकेशन रोक दिया गया। इसके बाद उनकी बीमारी फिर से प्रोग्रेस कर गई और वे गंभीर रुप से बीमार हैं।