RIMS ने दिव्यांग का MBBS में दाखिला होने के बाद नामांकन किया निरस्त, छात्र ने हाई कोर्ट में दी चुनौती
RIMS Admission एमबीबीएस में दाखिल होने के बाद रिम्स ने एक दिव्यांग अभ्यर्थी का नामांकन निरस्त कर दिया है। इसके खिलाफ प्रार्थी आशीर्वाद सुमन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रिम्स के आदेश को चुनौती दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो: एमबीबीएस में दाखिल होने के बाद रिम्स ने एक दिव्यांग अभ्यर्थी का नामांकन निरस्त कर दिया है। इसके खिलाफ प्रार्थी आशीर्वाद सुमन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रिम्स के आदेश को चुनौती दी है। छात्र की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी लोहरदगा का रहने वाला है। आर्थिक रूप से गरीब (ईडब्ल्यूएस) व दिव्यांग होने होने वजह से राज्य कोटा में उसका दाखिला रिम्स में हो गया था। उसने नामांकन और हास्टल फीस भी जमा कर दी थी। लेकिन नवंबर माह में उनका नामांकन रद करते हुए उसकी जगह पर बिहार की एक युवती का दाखिला कर दिया गया। इसकी जानकारी उसे ई-मेल के जरिए दी गई है।
प्राथी के पास दिव्यांगता प्रमाण पत्र, फिर भी आवेदन किया निरस्त
प्रार्थी ने दावा किया है कि एडमिशन लेने वाली युवती दिव्यांग भी नहीं है। रिम्स की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि रिम्स ने अपनी जांच में पाया है कि प्रार्थी दिव्यांग के लिए निर्धारित मानक को पूरा नहीं करते हैं। इसलिए उनका नामांकन रद किया जा रहा है, जबकि प्रार्थी का नामांकन सदर अस्पताल से प्राप्त दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर हुआ था। प्रार्थी ने अदालत से रिम्स का आदेश निरस्त करते हुए उन्हें एमबीबीएस में नामांकन करने का आदेश देने की गुहार लगाई गई है।