Jharkhand News रिम्स के डॉक्टस वीआईपी कैदियों से परेशान हो चुके हैं। उनका इलाज कई माह से चल रहा है। वहीं अन्य लोग बहुत जल्द ठीक होकर अपने घर वापस लौट रहे हैं। बताया कि जब सर्जरी का समय दिया जाता है तो ये करवाना नहीं चाहते और जब छुट्टी देने की तैयारी की जाती है तो ये सर्जरी की इच्छा जाहिर करते हैं।
By Anuj tiwariEdited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 15 Dec 2023 09:17 AM (IST)
अनुज तिवारी, रांची। रिम्स के पेइंग वार्ड में मनी लांड्रिंग से जुड़े चार वीआईपी कैदी भर्ती हैं। सभी कैदियों की स्वास्थ्य समस्या इतनी बड़ी है कि उनका इलाज कई माह से चल रहा है लेकिन उनकी बीमारी खत्म होने का नाम ही नहीं लेती।
दूसरी ओर इस बीमारियों के ग्रस्त आम मरीज दो से तीन सप्ताह में भर्ती होने के बाद ठीक होकर डिस्चार्ज भी हो जा रहे हैं। इन कैदियों में पूजा सिंघल, विष्णु अग्रवाल, पंकज मिश्रा और संजीव सिंह शामिल है, जो तीन से चार माह से इलाजरत हैं। इन सभी को जेल से रिम्स में इलाज के लिए रेफर किया गया है।
डाक्टर बताते हैं कि जब मरीज की सर्जरी का समय तय कर दिया जाता है तो ये करवाना ही नहीं चाहते और जब इन्हें छुट्टी देने की तैयारी की जाती है तो ये सर्जरी करवाने की इच्छा जाहिर करते हैं। ऐसी स्थिति में समय बीतता जाता है, जिससे ये रिम्स में ही पड़े रह जाते हैं।
विष्णु अग्रवाल की इच्छा के आगे डाक्टर बेबस
कारोबारी विष्णु अग्रवाल का इलाज कर रहे डा. विद्यापति बताते हैं कि विष्णु अग्रवाल को यूरिनल इंफेक्शन हुआ है, जिसमें उनकी सर्जरी करनी पड़ेगी। जब सर्जरी की तैयारी की गई तो उन्होंने कराने से मना कर दिया, जिसके बाद सर्जरी टाल दी गई, जिसके बाद दवा चलायी जा रही थी। जिसके बाद उन्हें छुट्टी देने की तैयारी की गई तो उन्होंने सर्जरी कराने की इच्छा जाहिर की।
जब उन्होंने इच्छा जतायी तो पूरी तैयारी दोबारा करनी होती है। ऐसे में वक्त लगता है और जब सर्जरी की तैयारी की गई तो अब सर्जन बाहर कांफ्रेंस में गए हुए हैं। इस तरह के कारणों की वजह से लगातार इन मरीजों के इलाज में देरी होती रही है।
संजीव सिंह को एम्स रेफर किए महिनों बीत गए
पूर्व विधायक संजीव सिंह के सिर में चोट लगने के बाद उनके शरीर का एक हिस्सा सही से काम नहीं करने की रिपोर्ट है। जिसके बाद डाक्टरों ने करीब तीन माह पहले ही उनके बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर एम्स दिल्ली के लिए उन्हें रेफर कर दिया था। लेकिन इसके बाद भी उनका इलाज रिम्स में जारी है।
इसकी जानकारी जेल प्रबंधन को पहले ही मेडिकल बोर्ड ने दी है, फिर भी उन्हें यहां से शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। जबकि उनके करीबियों का कहना है कि इससे उनके सेहत पर खराब असर पड़ रहा है और उन्हें जल्द एम्स भेजा जाए।
पंकज मिश्रा का पेट दर्द ठीक नहीं हो रहा
एक हजार करोड़ के मनी लांउड्रिंग मामले में आरोपी पंकज मिश्रा कई बार जेल से रिम्स और सीआइपी में भर्ती हो चुके हैं। रिम्स में हमेशा पेट दर्द की शिकायत लेकर भर्ती हुए। जहां डाक्टरों ने इसका कारण एक्यूट पेनक्रियाटिस बताया है। जिसका इलाज किया जाता है, जांच की जाती है लेकिन यह ठीक नहीं हो रहा है।
आम मरीज इस बीमारी से अस्पताल में भर्ती होने के दो सप्ताह में ठीक होकर घर चले जा रहे हैं। अभी हाल में फिर उन्हें भर्ती कराया गया है, जहां उनकी फिर से जांच प्रक्रिया शुरू की गई है। मेडिकल बोर्ड जांच कर रही है।
पूजा सिंघल को नहीं मिल रही गायनी विभाग से हरी झंडी
निलंबित आइएएस पूजा सिंघल शुरुआत में माइग्रेन की शिकायत लेकर रिम्स में भर्ती हुई, जिसके बाद उन्हें दांत से लेकर कई समस्याएं हुई। इलाज चलता रहा, बीच में अस्पताल से बाहर भी गई। फिर सिर दर्द व घबराहट की शिकायत लेकर भर्ती हुई, जहां उनका इलाज चलता रहा।
फिर उन्हें स्त्री रोग विभाग की डाक्टरों को इलाज के लिए रेफर किया, जहां महिनों से इलाज चल रहा है लेकिन इनकी बीमारी को डाक्टर ठीक नहीं कर ना रहे हैं, जिस वजह से इन्हें डिसचार्ज नहीं किया जा पा रहा है।
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