किसके भरोसे जिएंगे... बिलखती रही मां-पत्नी, बच्चों को पता नहीं था कि उनके सिर से उठ चुका पिता का साया
Jharkhand Accident News बूटी मोड़ के निकट हुए सड़क हादसे में मृतक मो . अफरोज आलम के घर मातमी सन्नाटा पसरा था । पत्नी आलिया कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थी। वह रह रहकर चीत्कार करती कह उठती कि अब मेरे बच्चों का क्या होगा...। हादसे के बाद उसके घर कमाने वाला कोई नहीं बचा है ।
जागरण संवाददाता, रांची। बूटी मोड़ के निकट हुए सड़क हादसे में मृतक मो. अफरोज आलम के घर मातमी सन्नाटा पसरा था। स्वजन की चीत्कार से पूरा इलाका दहल रहा था।
अफरोज के दो छोटे-छोटे बच्चे हादसे से अंजान आंगन में खेल रहे थे। उन्हें आभास नहीं था कि सिर से पिता का साया उठ चुका है। अफरोज के पिता फिरोज आलम को लोग ढांढ़स बंधा रहे थे।काफी हिम्मत के बाद वे कुछ बोलने को तैयार हुए। बिलखते हुए कहा कि इससे पूर्व भी हादसे में मेरे बड़े बेटे का देहांत हो चुका है और अब छोटा भी नहीं रहा। किसके भरोसे जीएंगे। यह कहकर वे बिलखने लगे। कहा उसके बच्चे असद (7 वर्ष) व अर्श (3 वर्ष) हैं। उनके भविष्य का क्या होगा।
पत्नी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं
पत्नी आलिया कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थी। वह रह रहकर चीत्कार करती कह उठती कि अब मेरे बच्चों का क्या होगा...। उसके रुदन से उपस्थित लोग दहल उठे। अन्य मृतकों के घर का भी यही माहौल था। मो. शब्बीर अंसारी के घर की स्थिति अच्छी नहीं है। वह पेशे से आटोचालक था। इस हादसे के बाद उसके घर कमाने वाला कोई नहीं बचा।
सड़क हादसे में हुई मौत
बरियातु जोडा तालाब के पास सड़क हादसे में हुई मौत के बाद रोते हुए परिजन होटल कर्मचारी को छोड़ने जा रहे थे। ओरमांझी होटल संचालक अफरोज के कर्मी राजू साव को घर जाने में बुधवार की रात काफी विलंब हो गया था। गाड़ी नहीं मिलने के कारण संचालक अफरोज ने उससे कहा कि वह उसे खुद छोड़ देगा।उसने अपनी स्विफ्ट कार में राजू और दो दोस्तों को बैठाया। सवा एक बजे चारों युवक कार से बरियातू से निकले। अफरोज स्वयं कार चला रहा था। बूटी मोड़ चौधरी पेट्रोल पंप के समीप जब अफरोज कार लेकर पहुंचा तो उसकी कार अनियंत्रित हो गई।ये भी पढ़ें -आजसू का CM हेमंत सोरेन पर हमला, कहा- झारखंड में 4 साल से चल रही 'वसूली सरकार'
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