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Hemant Soren: जमीन घोटाले के आरोपी सद्दाम हुसैन का बड़ा कबूलनामा, 'चारदीवारी' को लेकर कर दिया ऐसा खुलासा

पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से जुड़ी बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन हड़पने की कोशिश मामले में गिरफ्तार सद्दाम हुसैन ने ईडी को बताया कि बरियातू फायरिंग रेंज के पास की जमीन की उसने फर्जी डीड बनाई और उस जमीन की चारदीवारी के लिए उसने सेना से अनुमति को लेकर पत्राचार किया था। हालांकि सेना से उसे अनुमति नहीं मिली थी।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 11 Apr 2024 08:49 PM (IST)
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पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ी बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन मामले में गिरफ्तार सद्दाम हुसैन का खुलासा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, रांची। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ी बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन हड़पने की कोशिश मामले में गिरफ्तार बरियातू के सद्दाम हुसैन से ईडी ने लगातार तीसरे दिन भी रिमांड पर लंबी पूछताछ की। शुक्रवार को सद्दाम हुसैन की रिमांड अवधि समाप्त हो जाएगी।

रिमांड पर सद्दाम ने यह स्वीकारा है कि बरियातू फायरिंग रेंज के पास की जमीन की उसने फर्जी डीड बनाई और उस जमीन की चारदीवारी के लिए उसने सेना से अनुमति को लेकर पत्राचार किया था। हालांकि, सेना से उसे अनुमति नहीं मिली थी।

ईडी ने सद्दाम हुसैन के माध्यम से सेना को किए गए पत्राचार की कापी को सबूत के लिए एकत्रित कर लिया है। सद्दाम ने ईडी को बताया है कि फर्जी डीड बनाने में उसे अफसर अली उर्फ अफ्सू ने सहयोग किया, वहीं मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने से लेकर फर्जी डीड बनवाने तक में बड़गाईं अंचल का तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद व अन्य शामिल थे।

कुछ तो रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। बरियातू रोड की 12 प्लाट की जिस 8.86 एकड़ जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी करने की तैयारी थी, उनमें दो प्लाट की 1940 व 1947 की फर्जी डीड सद्दाम हुसैन ने बनवाई थी।

स्टेशन कमांडर को संबोधित करते हुए लिखा था पत्र

सद्दाम ने बरियातू फायरिंग रेंज के पास वाली जमीन पर चारदीवारी करवाने के लिए स्टेशन कमांडर भारतीय सेना दीपाटोली से पत्राचार किया था।

पत्र में उसने बताया था कि बड़गाईं मौजा के सदर थाना क्षेत्र में खाता नंबर 234, प्लाट नंबर 1055, कुल रकबा 11 डिसमिल जमीन असगर हुसैन की खरीदी हुई भूमि है।

इस जमीन को असगर हुसैन ने बलका पाहन से वर्ष 1940 में रजिस्टर्ड पट्टा से खरीदा था। इसका बुक नंबर 1, वाल्यूम नंबर 80, पेज नंबर 297 से 298 और डीड नंबर 3985 है जो रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंश कोलकाता से निबंधित है।

उसने यह भी बताया था कि पट्टाधारी असगर हुसैन अपने पीछे एक मात्र पुत्र उत्तराधिकारी नवाब हुसैन को छोड़कर स्वर्गवासी हो गए।

नवाब हुसैन ने उक्त जमीन का एकरानामा उनके नाम पर किया है। उक्त भूमि सेना की जमीन से सटी हुई है, इसलिए उन्हें उक्त जमीन पर चारदीवारी की अनुमति दें।

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