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Jharkhand News: हेमंत सरकार ने 42,964 सहिया को दिया बड़ा तोहफा, अब 4000 रुपये मिलेगा मासिक मानदेय

हेमंत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत कार्यरत सहियाओं के लिए बड़ी घोषणा की है। अब उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों में मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के अलावा चार हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा। इससे पहले सहिया को दो हजार रुपये मानदेय निर्धारित था और राज्य सरकार अतिरिक्त मानदेय के रूप में एक हजार रुपये प्रदान करती थी। इस निर्णय से राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 10311.36 लाख रुपये अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

By Neeraj Ambastha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Tue, 24 Sep 2024 06:29 PM (IST)
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हेमंत सोरेन ने सहिया साथी, बीटीटी तथा एसटीटी को दिया तोहफा। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत कार्यरत 42,964 सहिया को अब विभिन्न कार्यक्रमों में मिलनेवाली प्रोत्साहन राशि के अलावा, चार हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा।

हेमंत सरकार ने मानदेय की राशि एक हजार रुपये बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे अब राज्य सरकार अतिरिक्त मानदेय के रूप में दो हजार रुपये प्रत्येक सहिया को प्रदान करेगी। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।

सहिया को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत दो हजार रुपये मानदेय निर्धारित है। राज्य सरकार अतिरिक्त मानदेय के रूप में एक हजार रुपये प्रदान करती थी। इसे ही बढ़ाकर अब दो हजार रुपये करने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 10311.36 लाख रुपये अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

किसके मानदेय में कितनी वृद्धि

राज्य सरकार ने सहिया साथी, बीटीटी (प्रखंड प्रशिक्षक दल) तथा एसटीटी (राज्य प्रशिक्षक दल) काे मिलनेवाली प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाने का निर्णय लिया है।

उक्त तीनों कर्मियों को प्रतिदिन क्रमश: 375 रुपये, 650 रुपये तथा 850 रुपये प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। यह राशि प्रतिमाह अधिकतम 24 दिनों के लिए दी जाती है।

राज्य सरकार के खजाने पर पड़ेगा करोड़ों का बोझ

राज्य सरकार इसमें क्रमश: 50 रुपये, रुपये तथा 100 रुपये वृद्धि करने का निर्णय लिया है। यह राशि राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी।

इससे राज्य सरकार पर प्रत्येक वर्ष क्रमश: 384.42 लाख रुपये, 161.05 लाख रुपये तथा 13.82 लाख रुपये अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

इस तरह, सहिया एवं अन्य कर्मियों के मानदेय व प्रोत्साहन के रूप में अतिरिक्त राशि देने के निर्णय से राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 108 करोड़ 34 लाख 65 हजार रुपये अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राज्य में लगभग 2,400 सहिया साथी, 432 बीटीटी तथा 48 एसटीटी कार्यरत हैं।

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