'हेमंत हर समय रोते हैं...', 28% खनन रायॅल्टी पर कोयला राज्यमंत्री ने कसा तंज, CM सोरेन पर लगाकर किया बड़ा दावा
Jharkhand Politics कोयला खनन रॉयल्टी को लेकर केंद्र सरकार और झारखंड सरकार के बीच एक बार फिर जुबानी जंग शुरू होती नजर आ रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहां एक ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बयान दिया था। वहीं दूसरी ओर शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने शनिवार को मोर्चा संभाला।
प्रदीप सिंह, रांची। केंद्र सरकार पर 1.36 लाख करोड़ खनन रायॅल्टी बकाया का दावा राज्य सरकार करती है। इसपर फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप होगा। शनिवार को रांची में कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कहा कि राज्य सरकार को विकास की चिंता नहीं है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हर समय बकाये का रोना रोते रहते हैं, जबकि कोयला मंत्रालय की ओर से इन्हें हमेशा राशि मुहैया कराई जाती है। केंद्र सरकार अभी भी कोयला खनन पर 28 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को मुहैया कराती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र का फोकस झारखंड के विकास पर है, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सिर्फ अपनी और अपने परिवार और कुर्सी की चिंता है। मंत्री के मुताबिक, केंद्र सरकार झारखंड के एक-एक प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है।
उन्होंने कहा कि जिस योजना का हम शिलान्यास करते हैं, उसका उदघाटन भी करते हैं। राज्य की बेहतरी के लिए केंद्र हर वक्त तैयार है, लेकिन झारखंड सरकार को राज्य की बेहतरी से कुछ लेना-देना नहीं है। इन्हें हर चीज में राजनीति नजर आती है। जिस राज्य का मंत्री जेल जाता हो।
मुख्यमंत्री बेल और जेल की राजनीति करते हों, वहां विकास की बात करना बेमानी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की सरकार सिर्फ और सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति करती है। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में डबल इंजन की सरकार बनेगी ताकि केंद्र व राज्य के परस्पर सहयोग से राज्य के विकास की गाड़ी आगे बढ़ सके।
मंईयां योजना चुनावी लाभ के लिए लाए
कोयला राज्यमंत्री ने कहा कि मंइयां योजना का ढिंढोरा हेमंत सोरेन पीट रहे हैं, लेकिन यह योजना सिर्फ चुनावी लाभ के मद्देनजर लाई गई है। अगर पब्लिक को लाभ पहुंचाने की इनकी इच्छा होती तो सरकार बनाने के तुरंत बाद इस योजना को पांच साल पहले ही राज्य में लागू करते।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा की राज्य सरकारों ने ऐसा किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो सरकार को 100 दिन की योजना बनाकर काम आगे बढ़ाया है। जम्मू-कश्मीर में 2500 रुपये दिए जा रहे हैं। यह आम जनता को ठगने वाली योजना है। जितनी भी योजनाएं राज्य सरकार ने लांच की है, यह पूरी नहीं होने वाली है। ये जनता को सिर्फ धोखा दे रहे हैं।
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सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि चुनाव के दौरान संगठन की ओर से प्रभारी और सह प्रभारी तय किए जाते हैं। तय किए गए प्रवास के अनुरूप नेता और कार्यकर्ता आते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इससे क्या तकलीफ है। वे कहते फिर रहे हैं कि कई सीएम मिलकर उन्हें हराने में लगे हैं। उन्हें मध्य प्रदेश जाकर शिवराज सिंह चौहान का काम देखना चाहिए। तब उन्हें समझ में आएगा कि जनहित में किस प्रकार कार्य किए जाते हैं। हेमंत सोरेन सिर्फ जनता को मूर्ख बनाने में लगे हैं।इनकी सत्ता जाने वाली है। सारे क्षेत्रीय दल अपने परिवार तक सिमटे हैं। ये इससे ऊपर नहीं उठ सकते। सिर्फ भाजपा में पंचायत अध्यक्ष भी मंत्री बन सकता है। पोस्टर साटने वाला भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है।झरिया में आग का प्रकोप कम करेंगे
धनबाद के झरिया में अग्नि प्रभावितों के पुनर्वास और आग के प्रभाव पर कोयला राज्यमंत्री ने कहा कि ये आज की बात नहीं है। कोयला का खनन जब से आरंभ हुआ है, तबसे आग लगी हुई है। पुनर्वास का प्रयास तेजी से हो रहा है। इसके साथ-साथ आग के प्रभाव को भी कम किया जा रहा है। जल्द से जल्द इस दिशा में और तेजी से कार्य होंगे।यह भी पढ़ें Jharkhand Assembly Election: झारखंड में JDU ने बनाई अपनी टीम, इन दिग्गजों को मिली जगह; पढ़ें पूरी लिस्टBJP Mission Election: भाजपा के चुनावी मिशन का अगला लक्ष्य कौन? दो नेताओं को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज
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