Jharkhand News: 6 साल पहले बंद हुई योजना के कर्मियों का बकाया है 5 करोड़, शिक्षा विभाग के संज्ञान में आई जानकारी
केंद्र सरकार के सहयोग से निरक्षरों को साक्षर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई साक्षरत भारत कार्यक्रम योजना साल 2018 में बंद हो चुकी है। अब इसकी जगह नई योजना और नया साक्षरता कार्यकम शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत साल 2018 से पूर्व योजना में कार्यरत कर्मियों की मानदेय राशि पांच करोड़ रुपये बकाया है। इनमें से अंतिम कुछ महीने के मानदेय भुगतान नहीं हो पाया था।
राज्य ब्यूरो, रांची। निरक्षरों को साक्षर बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित साक्षरत भारत कार्यक्रम योजना राज्य में मार्च 2018 में ही बंद हो चुकी है। इसकी जगह अब नई योजना नव साक्षरता कार्यकम शुरू की गई है।
लेकिन पूर्व योजना में कार्यरत कर्मियों के मानदेय राशि के ही पांच करोड़ रुपये बकाया है। ये सभी कर्मी योजना बंद होने से पहले कार्य कर रहे थे, जिनका अंतिम कुछ माह का मानदेय भुगतान नहीं हो सका था।
ऐसे सामने आई जानकारी
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संज्ञान में यह बात आई है कि विभिन्न जिलों में कर्मियों का बकाया 5.20 करोड़ रुपये हैं। यह मामला सामने आने के बाद पिछले माह राशि की उपलब्धता की समीक्षा की गई, तो पता चला कि राज्य साक्षरता प्राधिकरण के पास 1.29 करोड़ रुपये ही उपलब्ध हैं।
इससे पांच जिलों को राशि आवंटित की गई। गिरिडीह को 20 लाख, धनबाद को 50 लाख, गोड्डा को 25 लाख, पलामू को 14.62 लाख तथा गढ़वा को 20 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। हालांकि इन जिलों में अभी भी राशि बकाया है। दूसरी तरफ, अन्य कुछ जिलों में राशि का भुगतान बकाया है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, संबंधित जिलों द्वारा समय पर प्रतिवेदन नहीं देने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। जिस समय योजना बंद की जा रही थी, उसी समय सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी गई थी। फिलहाल राज्य बजट से राशि उपलब्ध कराने तथा केंद्र से राशि की मांग किए जाने की पहल की जा रही है।
वर्ष 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता का है लक्ष्य
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रयास कार्यक्रम के तहत नवसाक्षरों की आकलन परीक्षा एनआइओएस द्वारा ली जा रही है, जिसमें उत्तीर्ण होने के बाद उन्हें साक्षर होने का प्रमाणपत्र दिय जा रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कहा है कि वैसे राज्य, जिला या प्रखंड जहां कम से कम 95 प्रतिशत निरक्षर साक्षर हो जाएंगे, उन्हें शत-प्रतिशत साक्षर घोषित किया जाएगा।
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