Jharkhand News: 10 अगस्त को काला बिल्ला लगाकर पढ़ाएंगे माध्यमिक टीचर्स, शिक्षक संघ का MACP की मांग को लेकर फैसला
Jharkhand Teachers News कल यानी 10 अगस्त को झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ (Jharkhand Secondary Teachers Association) ने एमएसीपी (MACP) की मांग को लेकर राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में काला बिल्ला लगाने का निर्णय लिया है। संघ ने माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों से 10 अगस्त को काला बिल्ला लगाकर बच्चों के बच्चों को पढ़ाने की अपील की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ ने एमएसीपी की मांग पर राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में काला बिल्ला लगाने का निर्णय लिया है।
संघ ने माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों से 10 अगस्त को काला बिल्ला लगाकर बच्चों के पठन-पाठन करने की अपील की है।
अपील करने वालों में यशवंत विजय, निरल पुस्कर बारला, कुर्बान अली, भबेश महतो, मुकेश कुमार, मोहन लाल महतो, तरुण नाग, संजय कुमार महतो, मंजू रानी डे, उपमा पाल, जयश्री, राकेश कुमार आदि सम्मिलित हैं।
अतिथि शिक्षकों का मानदेय भुगतान नहीं होने पर करेंगे कुलपति का घेराव
रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को पिछले वर्ष मई 2023 से मानदेय भुगतान नहीं किया गया है।
मानदेय के भुगतान के लिए गुरुवार को विभिन्न महाविद्यालयों से शिक्षक रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत कुमार सिन्हा से मुलाकात के लिए राज्य विश्वविद्यालय आए थे, परंतु कुलपति से मुलाकात नहीं होने के कारण मायूस होकर लौट गए।
संघ के अध्यक्ष ने क्या कहा?
इस पर संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के ढुलमुल रवैया के कारण हम लोग की आर्थिक स्थिति इतनी दयानी हो चुकी है जीना दुश्वार हो गया है।
वहीं डॉ. निखिल कुमार ने कहा कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और रांची विश्वविद्यालय के बीच सिर्फ पत्राचार हो रहा है समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। संघ ने निर्णय लिया है कि 12 अगस्त सोमवार को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत कुमार सिन्हा का घेराव किया जाएगा।
कौन-कौन रहा मौजूद
मौके पर डॉ. हैदर अली, डॉ. सतीश तिर्की, सूरज विश्वकर्मा, सौरभ कुमार, शाहबाज आलम, निखिल कुमार, मनीष मिश्रा मोहम्मद ताल्हा अनजान मिश्रा, डॉ. रंजू कुमारी, डॉ. राकेश प्रसाद, डॉ. ज्योति डुंगडुंग, पूनम कुमारी, डॉ. तसलीमा, मनमोहन टुडू, विकास कुमार, जिज्ञासा ओझा व निहारिका महतो आदि थीं।
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