Lok Sabha Elections झारखंड में लोकतंत्र का महापर्व यानी लोकसभा चुनाव में इस बार सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी। इस संबंध में गुरुवार को हुई बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जरूरी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके अलावा मतदाताओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए जरूरी इंतजाम करने के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग पूरी तरह तैयार है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को बैठक की।
उन्होंने बैठक में चुनाव तैयारियों की समीक्षा करते हुए चुनाव में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था तथा मतदान केंद्रों पर सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।उन्होंने पदाधिकारियों को निर्वाचन कार्य के दौरान विधि-व्यवस्था सख्त रखने, शराब एवं नकदी अवैध आवागमन पर कड़ी निगरानी रखते हुए सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए।
साथ ही इंटरनेट मीडिया पर फेक न्यूज एवं असामाजिक तत्वों द्वारा किए जानेवाले भ्रामक पोस्ट पर निगरानी रखते हुए निर्धारित प्रविधान के अनुरूप सख्त कार्रवाई करने को कहा।बैठक में जिलों के प्रमंडलीय आयुक्त, आइजी, डीआइजी, जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी आदि निर्वाचन कार्य से जुड़े वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्रों पर आवश्यक बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित होने से बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
मतदाता मतदान केंद्र पर ज्यादा से ज्यादा मतदाता पहुंचेंगे, जिससे मतदान प्रतिशत बेहतर हो सकेगा। कहा कि सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी अपने-अपने जिले में चल रहे निर्वाचन से संबंधित कार्यों को समय पर पूरा करें। किसी प्रकार की कोताही अक्षम्य है।राज्य के सभी मतदान केंद्रों को आदर्श मतदान केंद्र के रूप में तैयार करने तथा सभी बूथों पर दिव्यांग मतदाताओं, महिला एवं पर्दानशी मतदाताओं, वरिष्ठ मतदाताओं की सहायता के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
निष्पक्ष चुनाव को केंद्रीय बलों का लिया जाएगा सहयोग
आसन्न चुनाव को लेकर बनाए गए पुलिस के नोडल अधिकारी जिलों के साथ बूथवार मंथन के बाद बल प्रतिनियुक्ति पर निर्णय लेंगे।संवेदनशील बूथों के हिसाब से व पूर्व के इतिहास को देखते हुए बल की प्रतिनियुक्ति होगी। नक्सल समस्या को सेकेंडरी रखा गया है। निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय बलों का पूरा सहयोग लिया जाएगा।इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है। झारखंड पुलिस भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इसे लेकर हर दिन पुलिस का चुनाव कोषांग सुरक्षा व निष्पक्ष चुनाव को लेकर रणनीति बना रहा है और जिलों के साथ संवाद कर रहा है।
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिलों में भी एक डीएसपी को पुलिस चुनाव कोषांग का प्रभारी बनाया जा रहा है, जो सीधे तौर पर पुलिस मुख्यालय के संपर्क में रहेंगे और यहां से जारी आदेश-निर्देश को जिले के अपने अन्य साथियों से साझा कर आवश्यक कार्रवाई करेगा।
नक्सल क्षेत्र, प्रतिबंधित सामग्री के आवागमन पर रोक की कार्ययोजना
इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए बनाए गए पुलिस के राज्य नोडल पदाधिकारी एवी होमकर ने भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी जिलों में पुलिस पदाधिकारियों द्वारा की गई तैयारियों एवं कार्रवाई की समीक्षा की।
विधि व्यवस्था संधारण तथा निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव कराने को लेकर सभी तैयारियां पूरे करने के निर्देश पुलिस पदाधिकारियों को दिए।उन्होंने बताया कि नकदी, नकली एवं अवैध शराब, नशीले एवं अन्य प्रतिबंधित सामग्री की तस्करी एवं आवागमन पर पूर्ण रोक के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की जा रही है।उन्होंने कहा कि पुराने वारंटी, अपराधियों एवं निर्वाचन कार्य को प्रभावित करनेवालों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई की भी समीक्षा की जा रही है।
बैठक में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों द्वारा अपने-अपने जिले में चल रहे निर्वाचन कार्यों से संबंधित अबतक की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई।
18 बटालियन सीआरपीएफ, चुनाव में भी ली जाएगी मदद
राज्य में नक्सल विरोधी अभियान में सीआरपीएफ की 18 बटालियन झारखंड में तैनात हैं। इसके अलावा कोबरा की दो बटालियन को भी घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान पर रखा गया है।
इन 18 बटालियन सीआरपीएफ की 109 कंपनियां व 18 प्रशिक्षण कंपनियां तैनात हैं। लोकसभा चुनाव में इनमें से अधिकतर कंपनियों को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव कार्य में लगाया जाएगा।इस पर बात चल रही है। कुछ कंपनियां दूसरे राज्यों में भी जाएंगी और वहां से केंद्रीय बल की दूसरी कंपनियां भी झारखंड में आएंगी।
हेलीकाप्टर से मतदानकर्मियों को ले जाने की भी व्यवस्था
इस बार भी वैसे संवेदनशील बूथ चुने जाएंगे, जहां तक मतदानकमियों व चुनाव सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकाप्टर की मदद ली जाती रही है।
इस लोकसभा चुनाव में ऐसे जगहों की संख्या घटने की उम्मीद है, लेकिन पुलिस की प्रतिनियुक्ति भरपूर रहेगी। पूर्व के चुनावों के वक्त नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की संख्या अधिक थी।अब नक्सल समस्या कम हुई है तो रास्ते में लैंड माइंस विस्फोट, चुनाव सामग्री की लूटपाट, मतदानकर्मियों को नुकसान पहुंचाने की आशंका भी कम हुई है। फिर भी एहतियातन कुछ संवेदनशील बूथों तक हेलीकाप्टर से मतदानकर्मियों व चुनाव सामग्री पहुंचाई जाएगी।
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