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तारा शाहदेव यौन उत्‍पीड़न-मतांतरण केस: 3 दोषी करार; 5 अक्टूबर को होगी सजा, नेशनल शूटर बोली- न्‍याय मिला

Jharkhand। शूटर तारा शाहदेव से जुड़े आठ साल पुराने केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है और तीन लोगों को दोषी करार दिया है। वहीं 5 अक्टूबर को मामले में सजा सुनाने की तारीख निर्धारित की है। फिलहाल तीनों दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि अदालत ने 23 सितंबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी।

By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 30 Sep 2023 05:19 PM (IST)
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शूटर तारा शाहदेव मामले में CBI कोर्ट का बड़ा फैसला, तीनों आरोपी दोषी करार

राज्य ब्यूरो, रांची। बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़े आठ साल पुराने यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना और जबरन धर्म परिवर्तन मामले में सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

इस मामले में रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार मुस्ताक अहमद और रंजीत की मां कौशल देवी को अदालत ने दोषी करार दिया है। अब 5 अक्टूबर को इस मामले में तीनों की सजा को लेकर सुनवाई होगी।

अदालत ने आरोपी रंजीत सिंह कोहली को एक ही महिला से बार-बार दुष्कर्म करने सहित अन्य आरोप में दोषी करार दिया है, जबकि मुश्ताक अहमद एवं कौशल रानी को महिला के साथ बार-बार दुष्कर्म करने का षडयंत्र रचने के सहित अन्य आरोपों में दोषी करार दिया है।

सीबीआई के वरीय लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह ने सुनवाई के दौरान आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का अनुरोध किया। इसका विरोध बचाव पक्ष के वकील ने किया। 

अदालत से न्याय मिला- पीड़िता

फिलहाल, अदालत में तीनों को हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया। इस दौरान पीड़िता तारा शाहदेव भी अदालत पहुंची थी। उन्होंने कहा कि न्यायालय पर उन्हें भरोसा था और अदालत से उन्हें न्याय मिला है। काफी लंबे समय से वह इस दिन का इंतजार कर रही थी।

इन-इन धारा में पाए गए दोषी

अदालत ने तीनों को अलग-अलग धाराओं में दोषी पाया है। तीनों को 120बी (आपराधिक साजिश करना) सह पठित 376(2)(एन) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार का षडयंत्र), 298(धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 323(मारपीट करना), 496 (जबरदस्ती विवाह करना या कपटपूर्ण विवाह करना) एवं 506(गाली-गलौज करना) में दोषी करार दिया गया है। वहीं, दहेज प्रताड़ना के आरोप से बरी किया गया है।

अदालत ने जिन आरोपों में तीनों को दोषी ठहराया है, उसमें न्यूनतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

23 सितंबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी

बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 23 सितंबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी करने के बाद 30 सितंबर फैसले की तिथि निर्धारित की है।

इस मामले में रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी एवं झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद ट्रायल फेस कर रहे थे। फैसले के समय अदालत में तीनों को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया गया था।

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क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, रंजीत कोहली और तारा शाहदेव की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही मारपीट एवं उत्पीड़न की घटनाएं होने लगी थी। घटना को लेकर कोतवाली थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गई थी।

इसके बाद पीड़िता के परिजन सीबीआई जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया गया। झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में मामले को टेक ओवर किया था। इसके बाद लंबी सुनवाई चलने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है।

इन पर क्या है आरोप

इस मामले में सीबीआई की दिल्ली शाखा ने जांच पूरी करते हुए 12 मई 2017 को तारा के पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, सास कौशल रानी एवं मुश्ताक अहमद के खिलाफ कई धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। मामले की जांच सीबीआई दिल्ली शाखा की डीएसपी सीमा पहुंजा ने की थी।

सीबीआई के चार्जशीट में कहा गया था कि कोहली, कौशल और मुश्ताक अहमद ने शादी के तुरंत बाद तारा शाहदेव को धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य किया। दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया। तारा कोहली की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी।

तारा का आरोप था कि रंजीत ने शादी से पहले अपना धर्म छिपाया था। बाद में उत्पीड़न कर उसका धर्म बदलने का दबाव बनाया। मुश्ताक अहमद पर तारा शाहदेव के परिवार पर कोहली से शादी का दबाव बनाने का आरोप है। शादी के बाद मुश्ताक अहमद ने इस्लामिक पुस्तक लाकर दी।

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