लोकसभा चुनाव में इस प्रत्याशी ने पानी की तरह बहाया पैसा, फिर भी हार गईं चुनाव; कुल इतने रुपये किए खर्च
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी व पूर्व सांसद गीता कोड़ा सबसे अधिक खर्च करने वाली प्रत्याशी रहीं। सबसे अधिक खर्च करने के बाद भी उन्हें लोकसभा चुनाव में जीत नहीं मिली। उनके द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए चुनाव खर्च के ब्योरे से यह जानकारी सामने आई है।वे सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में सबसे अधिक खर्च करने वाली उम्मीदवार रहीं।
नीरज अम्बष्ठ, रांची। Geeta Koda पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी तथा पूर्व सांसद गीता कोड़ा सबसे अधिक खर्च कर भी लोकसभा चुनाव हार गईं। उनके द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए चुनाव खर्च के ब्योरे से यही पता चलता है।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में लगभग 78 लाख रुपये खर्च किए, जो सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में सर्वाधिक है। उन्हें चुनाव हराने वाली झामुमो प्रत्याशी जोबा मांझी ने लगभग 74 लाख रुपये खर्च किए।
सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से लड़ा चुनाव
गीता कोड़ा ने इस बार कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा के चुनाव चिह्न पर सिंहभूम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उन्हें अपनी सीट खोनी पड़ी।
राज्य के सभी 14 संसदीय क्षेत्रों में प्रत्याशियों द्वारा खर्च की गई राशि की बात करें तो गीता कोड़ा तथा जोबा मांझी के अलावा दो अन्य प्रत्याशी ने भी 70 लाख रुपये से अधिक की राशि चुनाव में खर्च की।
इनमें दुमका से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली सीता सोरेन तथा झामुमो के नलिन सोरेन सम्मिलित हैं। इनमें नलिन सोरेन को जीत मिली, जबकि सीता को हार का सामना करना पड़ा।
चौंकाने वाले तथ्य आए सामने
एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया है कि राज्य के छह संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में विजेता प्रत्याशी से अधिक खर्च करने के बाद भी कई प्रत्याशी पिछड़ गए। उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
इनमें सिंहभूम सीट से गीता कोड़ा तथा दुमका से सीता सोरेन के अलावा कोडरमा से माले विधायक विनोद कुमार सिंह, खूंटी से भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा, लोहरदगा से भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव तथा जमशेदपुर से झामुमो प्रत्याशी समीर कुमार मोहंती सम्मिलित हैं।
कोडरमा में भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी, खूंटी में कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा, लोहरदगा में कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत तथा जमशेदपुर में भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी से कम राशि खर्च कर भी चुनाव जीत गए। वहीं, आठ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में विजेता प्रत्याशियों ने अन्य सभी प्रतिद्वंद्वियों से अधिक राशि चुनाव में खर्च की।
इन्होंने की सबसे अधिक राशि खर्च
इनमें राजमहल से झामुमो प्रत्याशी विजय हांसदा, गोड्डा से भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दूबे, चतरा से भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सिंह, गिरिडीह से आजसू प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी, धनबाद से भाजपा प्रत्याशी ढुलू महतो, रांची से भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ, पलामू से भाजपा प्रत्याशी वीडी राम तथा हजारीबाग से भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल सम्मिलित हैं।
बताते चलें कि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में किसी प्रत्याशी द्वारा खर्च की जाने वाली राशि की अधिकतम सीमा 95 लाख तय की है। किसी दल के लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
लोकसभा चुनाव में किसने खर्च किए कितने रुपये
सीट - विजेता प्रत्याशी - राशि - दूसरे स्थान पर रहने वाले प्रत्याशी - राशि
राजमहल - विजय हांसदा - 45,35,960 - ताला मरांडी - 37,87,218
दुमका - नलिन सोरेन - 71,41,090 - सीता सोरेन - 74,24,029
गोड्डा - निशिकांत दूबे - 67,21,902 - प्रदीप यादव - 58,17,310
चतरा - कालीचरण सिंह - 57,66,115 - केएन त्रिपाठी - 43,55,646
कोडरमा - अन्नपूर्णा देवी - 54,88,970 - विनोद कुमार सिंह - 56,20,446
गिरिडीह - चंद्रप्रकाश चौधरी - 46,32,117 - मथुरा महतो - 31,11,968
धनबाद - ढुल्लू महतो - 61,97,729 - अनुपमा सिंह - 49,12,896
रांची - संजय सेठ - 69,01,469 - यशस्विनी सहाय - 46,88,673
जमशेदपुर - विद्युत वरण महतो - 69,66,820 - समीर मोहंती - 78,41,440
सिंहभूम - जोबा मांझी - 74,46,222 - गीता कोड़ा - 77,74,522
खूंटी - कालीचरण मुंडा - 47,80,120 - अर्जुन मुंडा - 55,60,312
लोहरदगा - सुखदेव भगत - 42,92,755 - समीर उरांव - 53,47,561
पलामू - वीडी राम - 64,57,132 - ममता भुइयां - 53,84,850
हजारीबाग - मनीष जायसवाल - 68,19,896 - जेपी पटेल - 43,13,131
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