रांची में 300 करोड़ की लागत से बनेगा कौशल विकास काॅलेज, नियुक्ति पत्र सौंपते हुए CM सोरेन ने दी जानकारी
झारखंड की राजधानी रांची में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से कौशल विकास काॅलेज खोला जाएगा ताकि ग्रामीण युवाओं को रोजगार से जोड़कर उनकी आय को बढ़ाया जा सकें। चूंकि तकनीक का जमाना है इसलिए स्किल्ड होना हर हाल में जरूरी है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि झारखंड को गरीबी और पिछड़ेपन से निकालना है। इस वजह से राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 29 Jun 2023 01:52 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। राजधानी में लगभग 300 करोड़ रुपए की लागत से कौशल विकास काॅलेज खोला जाएगा। आज तकनीक का जमाना है। कल-कारखानों से लेकर आम जनजीवन में मशीनें जगह लेती जा रही हैं। ऐसे में स्किल्ड होना हर हाल में जरूरी है।
गरीबी और पिछड़ेपन से झारखंड को है निकालना: हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को प्रेझा फाउंडेशन द्वारा संचालित आईटीआई कौशल विकास काॅलेज, नर्सिंग एवं कल्याण गुरुकुल के लगभग 500 विद्यार्थियों को विभिन्न संस्थानों के लिए नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए ये बातें कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की गिनती देश के पिछड़े राज्यों में होती है। गरीबी और पिछड़ेपन से राज्य को निकालने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। 80 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। इन्हें जीविका के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है ताकि ग्रामीण युवाओं को रोजगार से जोड़कर उनकी आय बढ़ा सकें।
इस अवसर पर मंत्री चम्पाई सोरेन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, आदिवासी कल्याण आयुक्त लोकेश मिश्रा, रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल और प्रेझा फाउंडेशन के सीईओ कल्याण चक्रवर्ती मौजूद थे।
झारखण्ड सरकार के SPV प्रेझा फाउंडेशन के अंतर्गत राज्य के गरीब, वंचित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए लगातार कार्य कर रही है कि कैसे यह वर्ग स्वावलंबी बने। मुझे बताया गया है राज्य सरकार अंतर्गत प्रेझा द्वारा अब तक करीब 30 हजार युवाओं को… pic.twitter.com/Oc8sSrdFR1
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) June 28, 2023
योजनाओं का बेहतर परिणाम, मेडिकल सर्किट खुलेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती विशेषकर आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा और बुजुर्गों के लिए सरकार ने जो योजनाएं बनाई है, उसके बेहतर और सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं।राज्य में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार निरंतर आगे बढ़ रही है। पंचायत स्तर पर शिक्षित ग्रामीण युवाओं को दवा दुकान संचालित करने का लाइसेंस दिया जा रहा है।इस व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए मेडिकल सर्किट बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके तहत चिकित्सकों के साथ दवा दुकान संचालक ऑनलाइन जुड़े रहेंगे ताकि इमरजेंसी में विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लेकर वे दवा मरीजों को दे सकें।
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