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आदिवासी नेताओं का कद बढ़ा झारखंड की सियासत साधने में जुटी भाजपा, अर्जुन मुंडा और आशा लकड़ा को दी अहम जिम्मेदारी

तीन राज्यों में जीत के बाद सरकार बनाने की कवायद में जुटी भाजपा ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के जरिए झारखंड में भी राजनीतिक संदेश दिया है। राज्य के दो प्रमुख आदिवासी चेहरों को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है। दोनों ही राज्यों में आदिवासी बहुल सीटों पर भाजपा को विस चुनाव में सफलता मिली है। पार्टी इस सफलता को झारखंड में भुनाने की तैयारी में है।

By Dibyanshu KumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 08 Dec 2023 07:55 PM (IST)
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अर्जुन मुंडा और आशा लकड़ा को मिली अहम जिम्मेदारी। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। तीन राज्यों में जीत के बाद सरकार बनाने की कवायद कर रही भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के जरिए झारखंड में भी राजनीतिक संदेश दिया है। राज्य के दो प्रमुख आदिवासी चेहरे रांची की पूर्व मेयर आशा लकड़ा और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है।

दोनों ही राज्यों में आदिवासी बहुल सीटों पर भाजपा को विस चुनाव में सफलता मिली है। पार्टी इसी सफलता को झारखंड में लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक भुनाने की तैयारी में है।

अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार

शुक्रवार को ही केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय का भी प्रभार दिया गया। नरेंद्र सिंह तोमर को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद संसद से इस्तीफा देने के बाद यह जिम्मेदारी अर्जुन मुंडा को दी गई है।

आशा लकड़ा को राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी 

पार्टी ने एक आदिवासी चेहरे को कृषि जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय देकर किसानों और जनजातीय समुदाय को संदेश भी दिया है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर खूंटी आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी आदिवासियों के लिए कई बड़ी योजनाओं को प्रारंभ किया था।

आशा लकड़ा को इससे पहले केंद्रीय संगठन में राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जरिए छात्र राजनीति से प्रारंभ कर आशा लकड़ा ने भाजपा में अपनी अलग पहचान बनाई है।

भाजपा अब उनके चेहरे को महिला और आदिवासी समुदाय में प्रमुखता से दिखा रही है। अब लोकसभा चुनाव में पार्टी इस बात का श्रेय लेने की कोशिश करेगी की आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए वह उनके बीच से नेतृत्व को सामने ला रही है।

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