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Sainik School Tilaiya: देश के सबसे बड़े सैनिक स्कूल में NDA के लिए ऐसे तैयार किए जाते हैं छात्र

Sainik School Tilaiya झारखंड के कोडरमा में है सैनिक स्कूल तिलैया। गुरुवार को इस स्कूल का स्थापना दिवस है। यह स्कूल हीरक जयंती वर्ष में प्रवेश करेगा। यह स्कूल कई मायनों में अनूठा है। भारतीय रक्षा सेवा ही नहीं हर क्षेत्र में यहां के छात्र परमच लहरा रहे हैं।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 14 Sep 2022 04:33 PM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2022 04:34 PM (IST)
Sainik School Tilaiya Jharkhand: झारखंड के कोडरमा स्थित सैनिक स्कूल तिलैया।

कोडरमा, {अनूप कुमार}। Sainik School Tilaiya झारखंड का गौरवपूर्ण शिक्षण संस्थान सैनिक स्कूल तिलैया गुरुवार को स्थापना के हीरक जयंती वर्ष में प्रवेश करेगा। इसे लेकर विद्यालय में व्यापक तैयारी की जा रही है। स्कूल के 200 पुराने छात्र इस मौके पर अपने परिवार के साथ कार्यक्रम में शामिल होंगे। 16 सितंबर 1963 को कोडरमा जिले के तिलैया डैम स्थित प्रकृति की मनोरम वादियों में इस विद्यालय की स्थापना हुई थी। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद देश की सैन्य सेवाओं में उत्कृष्ट अधिकारियों को तैयार करने के उद्देश्य से तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रक्षा विशेषज्ञों की सलाह पर सैनिक स्कूल की कल्पना की थी, जिसे 1963 में मूर्त रूप दिया गया।

800 छात्रों को मिला राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश

तत्कालीन मुख्यमंत्री केबी सहाय तथा संस्थापक प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल एलईजी स्मिथ के निर्देशन में स्थापित यह स्कूल देश का सबसे बड़ा सैनिक स्कूल है। यह विद्यालय बीते 59 वर्षों में लगभग 800 सैन्य छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश दिला चुका है। वहीं अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए विद्यालय के करीब डेढ़ दर्जन पूर्व छात्र विभिन्न सैन्य अभियानों में अपने प्राणों की आहूति दे चुके हैं। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के प्राथमिक उद्देश्यों को ध्यान में रखकर सैन्य छात्रों को अकादमिक, मानसिक, शारीरिक और भावात्मक तौर पर सर्वांगीण विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जिससे कि ये सैन्य छात्र एक कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरते रहे हैं।

मानसिक रूप से यहां ऐसे तैयार किए जाते हैं छात्र

सैनिक स्कूल तिलैया अपने छात्रों को मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाने तथा नेतृत्व साहस की भावना पैदा करने के लिए नियमित रूप से साहसिक शिविरों में भेजता है। इनमें थल सेना शिविर, राष्ट्रीय एकता शिविर और गणतंत्र दिवस परेड आदि में भाग लेने से सैन्य छात्रों में राष्ट्रवाद, देशभक्ति तथा वर्दी के प्रति गर्व की भावना पैदा होती है। चाहे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश की बात हो या प्रशासनिक सेवा या अभियांत्रिकी, चिकित्सा सेवा, न्यायिक सेवा से लेकर फिल्म निर्माण के क्षेत्र तक में यहां के पूर्व छात्रों ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है।

यहां के चार शिक्षकों को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार

यहां तक कि इन सैन्य छात्रों ने टेक्सास विश्वविद्यालय तक अपने देश का परचम लहराया है। सामरिक क्षेत्र के अति उच्च पदों से लेकर प्रशासन, न्याय, तकनीकी एवं कई अन्य जीवन आयामी क्षेत्रों में सर्वोच्च पदों तक यहां के बहुत से सैन्य छात्र आसीन रह चुके हैं। सैनिक स्कूल तिलैया का नाम रोशन किया है। वहीं, माउंट एवरेस्ट फतह के लिए भी यहां के पूर्व छात्र लेफ्टिनेट कर्नल जयप्रकाश कुमार को वर्ष 2020 में तेनजिंग गोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अब तक सैनिक स्कूल तिलैया के कुल चार शिक्षक राष्ट्रपति पुरष्कार से सम्मानित किये जा चुके हैं।

अभी और सुनहरे अध्याय लिखना बाकी : प्राचार्य

सैनिक स्कूल तिलैया के प्राचार्य ग्रुप कैप्टन राहुल सकलानी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा- हम स्थापना के हीरक जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इसका उत्साह चारों तरफ दिख रहा है। आशा है कि सैनिक स्कूल तिलैया परिवार आगामी भविष्य में विकास और गौरव के और भी सुनहरे अध्याय लिखता रहेगा।


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